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प्रादेशिक

यूपी में नई औद्योगिक निवेश नीति लागू होगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश में निवेशकों को आकर्षित करने और नए उद्योगों की स्थापना के लिए नई औद्योगिक निवेश नीति जल्द लागू की जाएगी।

उन्होंने कहा कि नई सरकार प्रदेश के उद्यमियों की समस्याओं के समाधान एवं उनके कार्य विस्तार के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करेगी। समस्याओं का निस्तारण सिंगल विंडो सिस्टम के तहत शीघ्रता से की जाए और उद्योगों की स्थापना के लिए किसानों से भूमि अधिग्रहण, उनकी सहमति और परस्पर संवाद के आधार पर किया जाए, ताकि बाद में किसी प्रकार की अड़चन न पैदा हो।

योगी ने कहा कि नियमों व प्रक्रियाओं को सरलीकृत और पारदर्शी बनाया जाए तथा कम से कम समय में उद्योग स्थापित करने के लिए आवश्यक क्लीयरेंस जारी किए जाएं तथा प्रार्थनापत्रों की ऑनलाइन फाइलिंग और उनकी समयबद्ध स्वीकृति की प्रभावी व्यवस्था लागू की जाए। साथ ही औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास संबंधी परियोजनाएं समय से पूरी हों।

मुख्यमंत्री ने शास्त्री भवन में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि औद्योगिक विकास की दिशा में गंभीरता से कार्य किया जाए, ताकि प्रदेश में निवेश का वातावरण बन सके।

उन्होंने मुख्य सचिव को राज्यस्तरीय उद्योग बंधु समिति की बैठक जल्द बुलाने के निर्देश दिए।

योगी ने कहा कि मंडल और जनपद स्तर पर भी उद्योग बंधु को क्रियाशील किया जाए, जिससे उद्यमियों की समस्याओं का निराकरण हो सके। साथ ही इसकी कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाया जाए।

योगी ने यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण की परियोजनाओं की जानकारी ली और अमृतसर-कोलकाता इंड्रस्टियल कॉरीडोर तथा दिल्ली-मुंबई इंड्रस्टियल कॉरीडोर की प्रगति की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि यह ध्यान रखा जाए कि इनसे संबंधित कार्य समय से पूरे हों।

उन्होंने गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा), सतहरिया औद्योगिक विकास प्राधिकरण जौनुपर (सीडा), लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा) द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रगति की भी जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने इंडस्ट्रियल एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ यूपी (पिकप) व उप्र वित्तीय निगम (यूपीएफसी) के संबंध में उन्होंने कहा कि इन्हें और प्रभावी बनाते हुए लाभ की स्थिति में लाने के प्रयास किए जाएं। गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाने के प्रयास किए जाएं।

योगी ने यूपी स्टेट स्पिनिंग कंपनी लिमिटेड, उप्र वस्त्र निगम, यूपी स्टेट यार्न कंपनी और उप्र सहकारी कताई मिल संघ के बारे में जानकारी ली और कहा कि इन रुग्ण कंपनियों फिर से चलाने की संभावनाओं पर विचार किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों में मैन्युफैक्च रिंग क्लस्टर एवं हब की स्थापना के प्रयास किए जाएं, जिससे इन क्षेत्रों का विकास तेजी से हो सके। उन्होंने कहा कि औद्योगिक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया जाए तथा प्रदेश में राजमार्गों व एक्सप्रेस-वे के नेटवर्क का विस्तारीकरण एवं सु²ढ़ीकरण किया जाए।

योगी ने कहा कि निवेश को आकर्षित करने के लिए औद्योगिक संगठनों एवं उद्यमियों के साथ संवाद स्थापित कर उनकी कठिनाइयों का निराकरण किया जाए। औद्योगिक भूमि के उपयोगी वाली जगह के आस-पास बुनियादी अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जाएं।

योगी ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के शेष कार्यों को मई तक पूरा किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि पूर्वाचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण संबंधी कार्यवाही सभी पहलुओं को देखते हुए की जाए।

उन्होंने कहा कि आगरा के साथ-साथ गौतमबुद्धनगर के जेवर क्षेत्र में भी हवाईअड्डे की स्थापना के संबंध में विचार कर निर्णय लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास लिमिटेड, नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की प्रमुख परियोजनाओं ट्रांस गंगा सिटी- उन्नाव, सरस्वती हाईटेक सिटी- इलाहाबाद, थीम पार्क आगरा और मेगा फूड पार्क- बहेड़ी की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि इन परियोजनाओं में आ रही व्यावहारिक कठिनाइयों को दूर करते हुए शीघ्रता से पूरा किया जाए।

नोएडा व ग्रेटर नोएडा की प्रमुख परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं में हो रहे विलंब के कारणों की पड़ताल करते हुए उन्हें दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के पूर्ण होने में विलंब होने से अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुद्रण एवं लेखन सामग्री के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाई जाए और शासकीय प्रपत्रों की आपूर्ति में शीघ्रता, गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता का ध्यान रखा जाए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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