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प्रादेशिक

यूपी सरकार को झटका, राजभवन ने लौटाई लोकायुक्त की नियुक्ति की फाइल

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिशों को झटका लगा है। राजभवन ने राज्य सरकार की वह फाइल लौटा दी, जिसमें उसने न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह को राज्य का नया लोकायुक्त बनाने की सिफारिश की थी। राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार से कहा है कि नए लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के बीच हुए समस्त पत्राचारों की जानकारी उन्हें भी दी जाए।

राज्यपाल ने अपेक्षा की है कि सभी पत्राचारों सहित फाइल उन्हें शीघ्र भेजी जाए, ताकि नए लोकायुक्त की नियुक्ति पर निर्णय लिया जा सके। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह को प्रदेश का नया लोकायुक्त बनाने पर अड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सरकार ने न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह की नियुक्ति के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगाकर राजभवन भेजा था, लेकिन राज्यपाल ने संबंधित फाइल वापस कर दी।

दरअसल, नए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद उप्र सरकार पर दबाव काफी बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई समय सीमा 21 अगस्त को तक है। कैबिनेट से न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह के नाम पर मुहर लगवाकर सरकार शीर्ष अदालत में अपने बचाव की तैयारी में जुटी थी, लेकिन राजभवन से सरकार को निराशा हाथ लगी है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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