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योगी सरकार के ‘शगुन किट’ में परिवार नियोजन के नुस्‍खे

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उत्तर प्रदेश, कॉन्डम, गर्भनिरोधक गोलियां, शगुन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अब राज्य सरकार की ओर से आशा कार्यकर्ता नवविवाहित जोड़ों को शगुन देगी। परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर नवविवाहित जोड़े को किट देंगी। इसमें कॉन्डम और गर्भनिरोधक गोलियां दी जाएंगी।

शगुन के इस किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होगा। इसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होगा। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित जोड़ों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करने के साथ 2 बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है। विश्व जनसंख्या दिवस 11 जुलाई को इस योजना की शुरुआत की जाएगी।

मिशन परिवार विकास के प्रोजेक्ट मैनेजर अवनीश सक्सेना ने कहा, ‘इस योजना का उद्देश्य नवविवाहित जोड़ों को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है। किट में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कॉन्डम होंगे।’

सक्सेना ने बताया कि किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए जरूरी कुछ सामान भी होंगे। उन्होंने कहा, ‘किट में एक शीशे और कंघी के साथ कुछ रुमाल और तौलिये होंगे।

साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोध से जुड़े सवाल-जवाब भी होंगे। उत्तर प्रदेश के नैशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर आलोक कुमार ने बताया कि आशा वर्कर्स हेल्थ किट नवविवाहितों को देंगी। निरक्षर जोड़ों को  आशा कायकर्ता पूरी जानकारी भी मुहैया कराएंगी।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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