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प्रादेशिक

योगी सरकार में स्कूलों में सिखाया जाएगा योग

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लखनऊ योगी सरकार ने स्कूलों में योग की पढ़ाई को अनिवार्य बना दिया है। ये शारीरिक शिक्षा के एक अंग के तौर पर बच्चों को सिखाया जाएगा। देखा जाए तो योगी के सीएम बनते ही योग की अहमियत भी बढ़ गई है। इसके अलावा सरकारी स्कूलों में नर्सरी से ही अंग्रेजी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाया जाएगा। अभी तक सरकारी स्कूलों में छठी क्लास से अंग्रेजी पढ़ाई जाती थी।

दरअसल इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि योग शारीरिक और मानसिक फिटनेस बनाए रखने में मदद कर सकता है। योग संघ और योगी आदित्यनाथ के एजेंडे का भी हिस्सा है। यही वजह है कि सरकार का जोर योग पर है। लेकिन अभी तक योग शिक्षकों की तादाद इतनी नहीं है कि हर सरकारी स्कूल में उन्हें तैनात किया जा सके। ऐसे में अगर योग शिक्षक ही नहीं मिल पाए तो फिर योग सिखाने की योजना खटाई में पड़ सकती है।

इसके अलावा इन योग शिक्षकों के लिए बजट का इंतजाम करना भी आसान नहीं दिखता। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ एजुकेशनल प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कुल स्कूलों की संख्या तकरीबन 2 लाख 43 हजार है। अगर सरकार ने एक स्कूल में एक भी योग शिक्षक की नियुक्ति की तो कम से कम दो लाख 43 हजार शिक्षकों के वेतन-भत्तों के लिए बड़े बजट की जरुरत होगी जिसका कोई रोडमैप सरकार ने नहीं बताया है।

साफ है कि योग शिक्षक की घोषणा को अमल में लाने से पहले सरकार को बजट की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ेगा, क्योंकि किसानों के लिए 36 हजार करोड़ रुपए की कर्जमाफी के लिए बजट का जुगाड़ करने में अधिकारियों के पसीने पहले से ही छूट रहे हैं। ऐसे में लाखों योग शिक्षकों के लिए बजट का जुगाड़ करना टेढ़ी खीर के समान है।

वहीं अंग्रेजी को भी सरकारी स्कूलों में नर्सरी तक पढ़ाने के लिए सरकारी स्कूल के शिक्षकों का लेबल सुधारना होगा। कई बार देखने में आया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक मामूली सवालों के जवाब देने में भी फेल हो जाते हैं। ऐसे में बच्चों को अंग्रेजी पढ़ा और समझा देना मुमकिन हो पाएगा की नहीं ये देखने वाली बात होगी।

इतना तो जरुर है कि दोनों ही बेहतर फैसले हैं लेकिन इन्हें अमलीजामा पहनाना ही सरकार के लिए कड़ी चुनौती होगी। वैसे भी सरकारी योजनाएं हमेशा से देखने-सुनने में बेहतर ही होती हैं लेकिन बुनियादी दिक्कत ये है कि योजनाएं जमीन पर अमल में नहीं आ पाती।

IANS News

महाकुंभ मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में नियुक्त किए गए सेक्टर मजिस्ट्रेट

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। सीएम योगी के दिव्य भव्य महाकुंभ की योजना के मुताबिक महाकुंभ नगरी ने संगम तट पर आकार लेना शुरू कर दिया है। महाकुंभ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं, कल्पवासियों और साधु-संन्यासियों के रहने और स्नान के लिए घाटों, अस्थाई सड़कों व टेंट सिटी का निर्माण शुरू हो गया है। प्रयागराज मेला प्रधिकरण ने योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा हैं। सेक्टर और कार्य के मुताबिक सेक्टर मजिस्ट्रेटों की नियुक्ति कर दी गई है। सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट अपने – अपने सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था के लिए जिम्मेदार रहेंगे। महाकुंभ के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट आम जनता और प्रशासन के बीच कड़ी का कार्य करेंगे।

विभागीय समन्वय का करेंगे कार्य

महाकुंभ 2025 में लगभग 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने और लगभग 1 लाख से अधिक लोगों के कल्पवास करने की संभावना है। इसके साथ ही हजारों की संख्या में साधु-संन्यासियों और मेला प्रशासन के लोग महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में रहेंगे। इन सबके रहने के लिए टेंट सिटी व स्नान के लिए घाटों और मार्गों का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। पूर्व योजना के मुताबिक प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने पूरे महाकुंभ क्षेत्र को 25 सेक्टरों में बांटा है। 4000 हेक्टेयर और 25 सेक्टरों में बंटा महाकुंभ मेला क्षेत्र इससे पहले के किसी भी महाकुंभ मेले से सबसे बड़ा क्षेत्र है। मेला प्राधिकरण ने प्रत्येक सेक्टर में भूमि अधिग्रहण से लेकर प्रशासन व्यवस्था और विभागीय समन्वय के लिए उप जिलाधिकारियों को सेक्टर मजिस्ट्रेट के तौर पर नियुक्ति किया है। ये सेक्टर मजिस्ट्रेट पूरे महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर, कार्य विभाग और विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे।

अधिकांश ने ग्रहण किया कार्यभार

प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने सेक्टर वाईज सेक्टर मजिस्ट्रेट की लिस्ट जारी कर दी है। इस सबंध में एसडीएम मेला अभिनव पाठक ने बताया कि अधिकांश सेक्टर मजिस्ट्रेटों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। शेष अपनी विभागीय जिम्मेदारियों से मुक्त होकर जल्द ही मेला क्षेत्र में अपना कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। जो कि महाकुंभ के दौरान अपने-अपने सेक्टर की प्रशासन व्यवस्था व विभागीय समन्वयन का कार्य करेंगे। प्रत्येक सेक्टर में भूमि आवंटन की प्रगति और लोगों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण में ये सेक्टर मजिस्ट्रेट मददगार होंगे।

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