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बिजनेस

रतन टाटा ने दिए टाटा समूह में बदलाव के संकेत

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Tata Sons

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मुंबई, टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष रतन एन. टाटा ने मंगलवार को समूह की कंपनियों में संभावित बदलाव के संकेत दिए और उन्होंने समूह की कंपनियों से “संबंधित बाजार में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने तथा शेयरधारकों का रिटर्न बढ़ाने” पर ध्यान देने की गुजारिश की। टाटा ने समूह की कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा, “कंपनियों को बाजार में अपनी स्थिति और प्रतिस्पर्धा पर ध्यान देना चाहिए, न कि उन्हें अपने अतीत के साथ तुलना करनी चाहिए। कंपनियों की कोशिश बाजार का नेतृत्व करने की होनी चाहिए, न कि अनुसरणकर्ता बनने की।”

उन्होंने समूह की कंपनियों के शीर्ष नेतृत्व से ‘नेतृत्व में परिवर्तन से चिंतिंत हुए बिना’ संबंधित कारोबार पर ध्यान देने को कहा।

साइसस पी. मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद टाटा संस का अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने के एक दिन बाद रतन टाटा का यह पहला बयान है।

उन्होंने कहा, “किसी संस्था को उसके लोगों से अधिक बड़ा होना चाहिए। मुझे आप सब पर गर्व है कि इस समूह का निर्माण हम साथ मिलकर कर रहे हैं।”

कंपनियों के कामकाज में संभावित परिवर्तन की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही पहलों का मूल्यांकन किया जाएगा और जिन्हें जारी रखने की आवश्यकता होगी, उन्हें जारी रखा जाएगा।

उन्होंने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को आश्वस्त किया, “अगर कोई बदलाव होगा, तो पहले आपसे चर्चा की जाएगी।”

टाटा ने कहा कि उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष का पद “स्थिरता और निरंतरता के लिए स्वीकारा, ताकि कामकाम में कोई व्यवधान न पड़े।”

उन्होंने आश्वस्त किया कि यह अल्पकालिक व्यवस्था है और नया नेतृत्व शीघ्र स्थान ग्रहण करेगा।

एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में टाटा संस समूह ने सोमवार को घोषणा की कि कंपनी बोर्ड ने मिस्त्री की जगह रतन एन. टाटा को कंपनी का अंतरिम अध्यक्ष चुना है।

बोर्ड ने इसके अलावा नए अध्यक्ष की खोज के लिए एक चयन समिति का गठन किया है, जिसमें रतन एन. टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा, रोनेन सेन और लार्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल हैं। यह समिति कंपनी के नियमानुसार चार माह में अध्यक्ष का चयन कर लेगी।

48 वर्षीय मिस्त्री आयरलैंड के निवासी हैं और चार साल पहले दिसंबर 2012 में वे टाटा संस के अध्यक्ष बने थे।

मिस्त्री ने हालांकि आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

शापूरजी पालोनजी समूह के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, “न तो एसपी समूह और न ही साइरस मिस्त्री ने अभी तक कोई बयान दिया है। फिलहाल परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है। इस स्तर पर मीडिया द्वारा मुकदमेबाजी की अटकलें लगाने का कोई आधार नहीं है।”

कंपनी ने कहा कि जब जरूरी होगा तब इस पर बयान जारी किया जाएगा।

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धनतेरस के मौके पर जियो फाइनेंस की स्मार्टगोल्ड योजना लॉन्च, मात्र 10 रुपये में खरीद सकते हैं डिजिटल सोना

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नई दिल्ली। दिवाली से पहले धनतेरस के मौके पर जियो फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड ने स्मार्टगोल्ड योजना लॉन्च की है। स्मार्टगोल्ड योजना में डिजिटली सोने की खरीद के साथ सोने में किए गए निवेश को भुनाया भी जा सकता है। सोने में किए गए निवेश से मिली स्मार्टगोल्ड युनिट किसी भी वक्त नकद, सोने के सिक्कों या आभूषणों में बदला जा सकता है। दिलचस्प यह है कि स्मार्टगोल्ड में हजारों या लाखों रुपये के निवेश की जरूरत नहीं है, मात्र 10 रु में भी सोना खरीदा जा सकता है।

जियो फाइनेंस ऐप पर स्मार्टगोल्ड योजना में सोने में निवेश के दो विकल्प ग्राहक के पास उपलब्ध हैं। पहला वह निवेश की कुल राशि तय कर सकता है, दूसरा वह सोने के भार यानी ग्राम में निवेश कर सकता है। भौतिक सोने की डिलीवरी 0.5 ग्राम और उससे अधिक की होल्डिंग पर ही होगी। यह 0.5 ग्राम, 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम और 10 ग्राम के मूल्यवर्ग में उपलब्ध होगी। ग्राहक चाहे तो ऐप पर सीधा सोने के सिक्के खरीद कर होम डिलिवरी की सुविधा का लाभ भी उठा सकता है।

ग्राहक का सोना सुरक्षित रखने के लिए, निवेश के बाद स्मार्टगोल्ड में निवेश के बराबर 24 कैरेट का सोना खरीदा जाएगा और उसे एक इंश्योर्ड वॉल्ट यानी तिजोरी में रखा जाएगा। इससे सोने की संभाल से तो मुक्ति मिलेगी ही, चोरी-चकारी का डर भी नहीं सताएगा। जियो फाइनेंस ऐप पर जब चाहें तब सोने की लाइव मार्किट कीमतें देखी जा सकती हैं। स्मार्टगोल्ड दरअसल डिजिटल सोना खरीदने का एक सुविधाजनक, सुरक्षित और सहज तरीका है।

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