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रहस्‍यों का खजाना है उत्‍तराखंड की यह गुफा

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नई दिल्ली। रहस्यमयी गुफा और उनके तिलिस्‍म को लेकर आपने कई खबरें पढी और सुनी होंगी। आपको ऎसी गुफा के बारे में हम बताने जा रहे हैं जो आपको हैरान होने पर विवश कर देगी।

उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में गंगोलीहाट कस्बे में बनी है रहस्यमयी गुफा। इस गुफा से जु़ड़ी ऐसी मान्यताएं जिनका उल्लेख कई पुराणों में भी किया गया है। गुफा के बारे में बताया जाता है कि इसमें दुनिया के खत्‍म होने का भी रहस्य है।

इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से पहचाना जाना जाता है। स्कंद पुराण में इस गुफा के बारे में कहा गया है कि इसमें भगवान शिव का निवास है। सभी देवी-देवता इस गुफा में आकर भगवान शिव की पूजा करते हैं। गुफा के अंदर संकरे रास्ते से जमीन के अंदर आठ से दस फीट नीचे जाने पर दीवारों पर कई ऎसी आकृतियां नजर आने लगती हैं जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे।

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यह आकृति एक हंस की है जिसके बारे में यह माना जाता है कि यह ब्रह्मा जी का हंस है। गुफा के अंदर यहां हवन कुंड है। इस कुंड के बारे में कहा जाता है कि इसमें जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था जिसमें सभी सांप भस्‍म हो गए थे। केवल तक्षक नाग ही बच गया जिसने राजा परीक्षित को
काटा था।

कुंड के पास एक सांप की आकृति दिखती है, जिसे तक्षक नाग माना जाता है। ऎसी मान्यता है कि इस गुफा में एक साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ के दर्शन होते हैं। इसे दुर्लभ दर्शन माना जाता है जो किसी अन्य तीर्थ में संभव नहीं है। गुफा के अंदर आपको 33 करोड देवी देवताओं की आकृति के अलावा शेषनाग का फन नजर आएगा।

इस रहस्यमयी गुफा के बारे में कहा जाता है कि पाण्डवों ने इस गुफा के पास तपस्या की थी। काफी समय तक लोगों की नजरों से दूर रहे इस गुफा की खोज आदिगुरुशंकराचार्य ने की थी।

गुफा के अंदर गणेश जी का सिर भी है जो इस कथा की याद दिलाता है कि कैसे भगवान शिव ने मां पार्वती की सेवा में लगे गणेश जी का सिर काट दिया था।

इस गुफा में चार खंभा है जो चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग का प्रतीक हैं। इनमें पहले तीन आकारों में कोई परिवर्तन नहीं होता। जबकि कलियुग का खंभा लम्बाई में अधिक है और इसके ऊपर छत से एक पिंड नीचे लटक रहा है। इसमें एक गहरा रहस्य छुपा है।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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