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राजनीतिक दलों को बताना होगा चुनावी चंदे का स्त्रोत, याचिका खारिज

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Supreme_Court_of_Indiaनई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को आय कर अधिनियम के उस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसके तहत राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये तक के दानदाताओं की पहचान न बताने की छूट मिली हुई है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने जनहित याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया कि राजनीतिक दलों को अपने कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यो का प्रचार करने के लिए धनराशि की जरूरत होती है।

जनहित याचिका में आय कर अधिनियम-1961 की धारा-13 और जन प्रतिनिधि अधिनियम-1951 की धारा-29 को अवैध, असंवैधानिक, गलत मंशा वाला और राष्ट्रीय हित के खिलाफ बताते हुए खत्म किए जाने की मांग की गई थी।

याचिकाकर्ता वकील एम. एल. शर्मा ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि यह साफ तौर पर अनुच्छेद-14 (कानून के समक्ष समानता) के उल्लंघन का मामला है, क्योंकि काले धन को बाहर लाने के मुद्दे पर यह सरकार द्वारा आम नागरिकों के साथ दोहरापन अपनाए जाने जैसा है।

याचिका में कहा गया था, “जहां आम नागरिकों को सारे सवालों के उत्तर देने होते हैं, परेशानी झेलनी पड़ती है, तब भी जब उसकी अर्जित आय सही हो, लेकिन राजनेता ईश्वर प्रदत्त छूट का आनंद उठाते हैं।”

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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