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बिजनेस

‘राजन का इशारा महामंदी की ओर नहीं था’

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RBI

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मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन के हाल के एक बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए रिजर्व बैंक ने कहा कि मीडिया ने उनके बयान का गलत अर्थ लगाया कि विश्व के सामने महामंदी का खतरा है। रिजर्व बैंक ने रविवार शाम एक बयान में कहा, “राजन ने अपने बयान में कहा था कि दुनिया के प्रमुख केंद्रीय बैंक जो नीति अपना रहे हैं, उसके ‘बेगर दाई नेबर’ नीति में बदलने का खतरा है, जो 1930 के दशक में अपनाया गया था।”

बेगर-दाई-नेबर नीति का मतलब उन नीतियों से है, जो कोई देश अपनी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपनाता है, लेकिन उसके स्वाभाविक परिणामस्वरूप दूसरे देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर होता है। रिजर्व बैंक के बयान में कहा गया है, “महामंदी के कारण थे, सिर्फ बेगर-दाई-नेबर नीति नहीं थी। गवर्नर राजन का यह नहीं कहना था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सामने कोई जोखिम है, जिसमें वस्तुत: धीमे-धीमे सुधार हो रहा है, चाहे भले ही कुछ अनिश्चितता कायम हो।”

गत सप्ताह लंदन बिजनेस स्कूल में राजन ने कहा था कि दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंक जो नीतियां अपना रहे हैं, उसके बेगर-दाई-नेबर नीति में बदल जाने का खतरा है, जिसे विभिन्न देशों ने 1930 के दशक में अपनाया था। राजन ने खेल के नए नियम बनाने की अपील की थी। राजन ने खास तौर से अमेरिका, इंग्लैंड और जापान की शून्य के बराबर ब्याज दरों का उल्लेख किया, जो ये अपने देश की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपना रहे हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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