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राफेल सौदे के विवरण को गोपनीय बताया, खुलासे से इनकार

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नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)| रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद को बताया कि फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के जो सौदे हुए हैं वह दो देशों की सरकारों के बीच का समझौता है और इसमें गुप्त सूचनाएं हैं।

इसलिए सौदे से संबंधित विवरण प्रकट नहीं किए जा सकते हैं। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सदस्य नरेश अग्रवाल की ओर से पूछे गए एक सवाल पर सीतारमण ने लिखित जवाब में सदन को यह जानकारी दी।

अग्रवाल ने सरकार से पूछा कि ऐसी क्या वजह है कि सरकार इस सौदे का विवरण नहीं देना चाहती है जबकि, कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गंठबंधन (राजग) की सरकार पर राफेल जेट विमान के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के पूर्व सौदे के मुकाबले ज्यादा कीमत अदा करने का आरोप लगाया है।

सीतारमण ने कहा, भारत और फ्रांस के बीच राफेल विमान की खरीद को लेकर हुए अंतर-सरकार समझौता के अनुच्छेद 10 के अनुसार, 2008 में भारत और फ्रांस के बीच किए गए सुरक्षा समझौते के प्रावधान विमानों की खरीद, गुप्त सूचनाओं की सुरक्षा व सामग्री के आदान-प्रदान पर लागू हैं।

एक अन्य सवाल कि क्या इस समझौते में निजी क्षेत्र की कोई कंपनी शामिल है, का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा कि समझौते में न तो कोई निजी और न ही सार्वजनिक क्षेत्र की कोई कंपनी शामिल है।

कांग्रेस ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद में अनियमितताएं बरतने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का दावा है कि इस सौदे में पूर्व में 126 बहु भूमिका वाले लड़ाकू विमान (एमएमआरसीए) की खरीद के सौदे से ज्यादा कीमत अदा की गई है। साथ ही, पूर्व के सौदे में कई विमान भारत में तैयार करने की शर्ते भी शामिल थीं।

सीतारमण ने इससे पहले कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार ने पूर्व के सौदे से कम कीमत पर विमानों की खरीद के सौदे किए हैं।

कांग्रेस समेत विपक्ष में शामिल कुछ दलों के नेताओं ने वर्तमान सौदे में धन के भुगतान को लेकर स्पष्टीकरण की मांग की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अप्रैल 2015 में फ्रांस दौरे के दौरान बनी सहमति के बाद 23 सितंबर 2016 में फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद को लेकर भारत और फ्रांस ने करार पर हस्ताक्षर किए थे।

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दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएम आतिशी ने जा​री किया आदेश

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नई दिल्ली। देश की राजधानी में दीपावली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण खतरनाक हो गया है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 के तहत बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल के चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। मुख्‍यमंत्री आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इसके साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना भी वसूला जाएगा।

आतिशी सरकार ने जा​री किया आदेश

राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (चार पहिया वाहन) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अगले आदेश तक राजधानी दिल्ली में बीएस-III मानकों या उससे नीचे के दिल्ली में रजिस्‍टर्ड डीजल संचालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) प्रतिबंध रहेगा।

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