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राष्ट्रपति ने गुरु नानक जयंती पर लोगों को बधाई दी

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नई दिल्ली| राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने मंगलवार को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव की जयंती के अवसर पर लोगों को बधाई दी है। प्रणब ने कहा, “गुरु नानक देवजी के जन्मदिन की खुशी के मौके पर, मैं सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।”

मुखर्जी का मानना है कि गुरु नानक की सेवा सर्वोच्च है। इसके अलावा उन्होंने नैतिक और धार्मिक जीवन व्यतीत करने का आग्रह किया।

उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपने संदेश में कहा कि गुरु नानक सिखों के 10 गुरुओं में से प्रथम गुरु हैं, वह जीवन की सच्चाई धार्मिकता और दया के प्रतीक हैं।

उन्होंने गुरु नानक की दिव्य शिक्षाओं का उल्लेख कर कहा कि उन्होंने हमेशा धर्म के मार्ग का अनुसरण करने के लिए लोगों को प्रेरित किया है। इसके अलावा उन्होंने पंथ या धर्म, सभी मानव जाति के प्रति अपना सम्मान दिखाया है।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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