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राष्ट्रमंडल खेल (जिम्नास्टिक) : भारतीय जिम्नास्ट ने तीसरे दिन किया निराश
गोल्ड कोस्ट (आस्ट्रेलिया), 7 अप्रैल (आईएएनएस)| यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में तीसरे दिन शनिवार को जिम्नास्ट प्रतियोगिता में भारतीय जिम्नास्ट खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। भारत की महिला जिम्नास्ट अरुणा रेड्डी और प्रणति दास महिलाओं की व्यक्तिगत ऑल-अराउंड स्पर्धा के फाइनल में पदक जीतने से चूक गईं।
इसके अलावा, तीसरे दिन ही योगेश्वर सिंह भी पुरुषों की व्यक्तिगत ऑल-अराउंड के फाइनल में पदक हासिल नहीं कर पाए।
कूमेरा इंडोर स्पोर्ट्स सेंटर में आयोजित महिलाओं की व्यक्तिगत ऑल-अराउंड स्पर्धा में अरुणा को 14वां और प्रणति को 16वां स्थान हासिल हुआ।
इस स्पर्धा में अरुणा को कुल 44.400 अंक हासिल हुए, वहीं प्रणति को कुल 43.900 अंक हासिल हुए।
इस साल फरवरी में आयोजित जिम्नास्टिक विश्व कप में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाली अरुणा ने वॉल्ट में 13.650 अंक, अनईवेन बार में 10.200 अंक, बीम में 9.000 और फ्लोर में 11.550 अंक हासिल किए।
इसके अलावा, प्रणति ने वॉल्ट में 12.900 अंक, अनईवेन बार में 10.050 अंक, बीम में 9.900 अंक और फ्लोर में 11.050 हासिल किए।
इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक कनाडा की एलिजाबेथ बैक ने जीता। उन्होंने कुल 54.200 अंक हासिल किए। आस्ट्रेलिया की जॉर्जिया गोडविन ने 53.800 अंक हासिल कर रजत पदक जीता।
इंग्लैंड की एलिसे किनसेला ने 53.150 अंकों के साथ कांस्य पदक पर कब्जा जमाया।
पुरुषों की व्यक्गित ऑल-अराउंड के फाइनल में हरियाणा निवासी योगेश्वर ने छह रोटेशन के बाद कुल 75.600 अंक हासिल किए।
योगेश्वर ने अंतिम रोटेशन में 12.250 अंक हासिल किए। फ्लोर एक्सरसाइज में उन्होंने 11.400 अंक, रिंग्स में 12.600 अंक, वॉल्ट में 14.100, पैरलल बार्स में 13.00 अंक और होरिजेंटल बार्स में 12.250 अंक हासिल किए।
इस स्पर्धा में इंग्लैंड के नील विल्सन ने कुल 84.950 अंक हासिल कर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। उनके हमवतन जेम्स हॉल को रजत पदक हासिल हुआ। उन्होंने 83.975 अंक हासिल किए।
साइप्रस के जिम्नास्ट मारियस जियोर्जियस को 83.750 अंकों के साथ कांस्य पदक हासिल हुआ।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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