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राष्ट्रमंडल खेल : तीसरे दिन भारत की झोली में आए 2 स्वर्ण पदक (राउंडअप)
गोल्ड कोस्ट (आस्ट्रेलिया), 7 अप्रैल (आईएएनएस)| भारत के लिए यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों का तीसरा दिन मिला-जुला रहा। शनिवार को भारोत्तोलन प्रतियोगिता में सतीश कुमार सिवालिंगम और वेंकट राहुल रंगाला ने दो स्वर्ण पदक जीते। जहां एक ओर कुछ प्रतियोगिताओं में भारत को जश्न मनाने का मौका मिला, वहीं कई प्रतियोगिताएं ऐसी रहीं, जहां उसे निराशा का सामना करना पड़ा। भारोत्तोलन में शनिवार को मिले दो स्वर्ण पदकों की बदौलत भारत पदक तालिका में शनिवार को चौथे स्थान पर पहुंच गया। भारत के पास एक रजत और कांस्य पदक भी है।
भारत को अब तक केवल भारोत्तोलन प्रतियोगिता की बदौलत ही कुल छह पदक मिले हैं। इसमें चार स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक शामिल है।
तीसरे दिन भारत को टेबल टेनिस, बैडमिटन, मुक्केबाजी, भारोत्तोलन और हॉकी में सफलता मिली है। हालांकि, साइकिलिंग, तैराकी, बास्केटबॉल और स्क्वॉश में निराशा हाथ लगी।
बैडमिंटन की बात की जाए, तो भारतीय टीम ने मिश्रित टीम स्पर्धा के सेमीफाइनल में स्थान हासिल कर लिया है। टीम ने मॉरीशस को क्वार्टर फाइनल में 3-0 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई।
सेमीफाइनल में अब भारतीय टीम का सामना सिंगापुर से होगा, जिसने क्वार्टर फाइनल में आस्ट्रेलिया की टीम को मात दी।
भारोत्तोलन में सतीश ने पुरुषों की 77 किलोग्राम भार वर्ग का सोना अपने नाम किया। उन्होंने स्नैच में 144 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया तो वहीं क्लीन एंड जर्क में 173 का सर्वश्रेष्ठ भार उठाया। कुल मिलाकर उनका स्कोर 317 रहा। उन्हें क्लीन एंड जर्क में तीसरे प्रयास की जरूरत नहीं पड़ी।
इसके अलावा, वेंकट ने कैरारा स्पोर्ट्स एरीना-1 में आयोजित इस स्पर्धा में स्नैच और क्लीन एंड जर्क में कुल 338 किलोग्राम का भार उठाकर सोना अपने नाम किया।
स्नैच स्पर्धा में वेंकट ने पहली बार 147 किलो का वजन उठाया। हालांकि, दूसरी बार में वह 151 किलो का भार उठाने में असफल रहे, लेकिन तीसरी बार में उन्होंने इसी भार को उठाकर शानदार प्रदर्शन किया। यह स्नैच में उनका सबसे अच्छा प्रदर्शन था।
क्लीन एंड जर्क में दूसरी बार में उन्होंने सबसे अच्छा प्रदर्शन करते हुए 187 किलोग्राम का भार उठाया। पहली बार में उन्होंने 182 किलो का भार उठाया था। वहीं तीसरी बारी में 191 किलोग्राम का भार उठाने में असफल रहे, लेकिन शानदार प्रदर्शन करते हुए वह स्वर्ण अपने नाम कर चुके थे।
भारत की महिला भारोत्तोलक वंदना गुप्ता महिलाओं की 63 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा के फाइनल में कुछ खास कमाल नहीं कर पाई और पांचवें स्थान पर रहीं।
टेबल टेनिस में भी भारत को सफलता मिली है। भारतीय महिला टेबल टेनिस टीम ने यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों के तीसरे दिन शनिवार को मलेशिया को मात देकर सेमीफाइनल में जगह बना ली है।
भारतीय महिला टीम ने शनिवार को खेले गए क्वार्टर फाइनल-4 में मलेशिया को 3-0 से हराया।
मुक्केबाजी में भी भारत को सफलता हाथ लगी है। पुरुष वर्ग में मनोज कुमार ने 69 किलोग्राम वर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने अंतिम-16 दौर में तंजानिया के कासिम म्बुंडवाइक को 5-0 से मात दी।
इसके अलावा, हुसामुद्दीन मोहम्मद ने भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 56 किलोग्राम वर्ग के अंतिम-16 दौर में वानुआतु के बोई वारावारा को एकतरफा अंदाज में 5-0 से मात दी और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया।
महिला वर्ग में भारत की वरिष्ठ महिला मुक्केबाज सरिता देवी ने 60 किलोग्राम भारवर्ग के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। उन्होंने ओक्सेनफोर्ड स्टूडियोज में खेले गए मुकाबले में बारबाडोस की किम्बरले गिट्टनस को 5-0 से मात दी।
हॉकी की बात की जाए, तो भारतीय पुरुष टीम ने अपने अभियान का अच्छा आगाज किया। चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ खेला गया मैच 2-2 से ड्रॉ रहा।
भारतीय टीम इस मैच में जीत हासिल कर सकती थी, लेकिन पाकिस्तान के खिलाड़ी मुबाशर अली द्वारा आखिरी 10 सेकेंड में पेनाल्टी कॉर्नर पर किए गए गोल के कारण पूल-बी में खेला गया यह मैच 2-2 से ड्रॉ हो गया।
जहां एक ओर इन प्रतियोगिताओं में भारत को जश्न मनाने का मौका मिला, वहीं कई प्रतियोगिताएं ऐसी रहीं, जहां उसे निराशा का सामना भी करना पड़ा।
जिम्नास्टिक में भारतीय जिम्नास्ट खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। भारत की महिला जिम्नास्ट अरुणा रेड्डी और प्रणति दास महिलाओं की व्यक्तिगत ऑल-अराउंड स्पर्धा के फाइनल में पदक जीतने से चूक गईं।
इसके अलावा, तीसरे दिन ही योगेश्वर सिंह भी पुरुषों की व्यक्तिगत ऑल-अराउंड के फाइनल में पदक हासिल नहीं कर पाए।
तैराकी में भी भारत को निराशा हाथ लगी। भारत के पुरुष तैराक श्रीहरि नटराज शनिवार को पुरुषों की 50 मीटर बैकस्ट्रोक स्पर्धा के फाइनल में जगह बनाने से केवल 50 मिनी सेकेंड से चूक गए। इस स्पर्धा के सेमीफाइनल-2 में नटराज को पांचवां स्थान हासिल हुआ।
भारतीय पुरुष तैराक सजन प्रकाश पुरुषों की 200 मीटर बटरफ्लाई स्पर्धा के फाइनल में पदक हासिल करने से चूक गए। ऑप्टस एक्वेटिक सेंटर में आयोजित इस स्पर्धा में सजन अंतिम आठवें स्थान पर रहे।
स्क्वॉश में भी भारत को निराशा हाथ लगी। भारत की जोशना चिनप्पा यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में शनिवार को स्क्वॉश के महिला एकल वर्ग के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड की जोएल किंग से हार गईं। चिनप्पा की हार के साथ ही स्क्वॉश के पुरुष और महिला एकल वर्ग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गई है।
इसके अलावा, भारत की स्टार स्क्वॉश खिलाड़ी दीपिका पल्लीकल ने स्क्वॉश की क्लासिक प्लेट स्पर्धा के क्वॉर्टर फाइनल में अपनी विपक्षी कनाडा की समांथा कोर्नेट को वॉकओवर दे दिया। दीपिका ने अपने प्रतिद्वंद्वी को वॉकओवर क्यों दिया इसका कारण अभी पता नहीं चल पाया है।
साइकिलिंग की बात की जाए, तो महिलाओं की 500 मीटर ट्रायल फाइनल की पदक दौड़ में भारत की एलीना रेजी और देबोराह देबोराह जीत हासिल नहीं कर पाईं।
महिलाओं की 25 किलोमीटर प्वाइंट रेस फाइनल्स में भी भारतीय महिलाएं मनोरमा देवी और सोनाली कुछ खास नहीं कर पाईं।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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