मुख्य समाचार
राष्ट्रमंडल खेल (भारोत्तोलन) : संजीता ने भारत की झोली में डाला दूसरा स्वर्ण
नई दिल्ली, 6 अप्रैल (आईएएनएस)| राष्ट्रमंडल खेलों में 24 वर्ष की उम्र में दो स्वर्ण पदक जीतना और वह भी दो भार वर्ग में किसी भी खिलाड़ी के लिए आसान कार्य नहीं है लेकिन महिला भारोत्तोलक खुमुकचम संजीता चानू ने यह मुश्किल कार्य कर दिखाया है। मणिपुर की स्टार खिलाड़ी ने यहां जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में महिलाओं के 53 किलोग्राम भार वर्ग में भारत के लिए शुक्रवार को स्वर्ण पदक जीता।
चानू ने कुल 192 किलोग्राम का वजन उठाया। उन्होंने स्नैच में 84 किलोग्राम भार और क्लीन एंड जर्क में 108 किलोग्राम का भार उठाया। यह राष्ट्रमंडल खेलों में एक रिकॉर्ड है।
स्पर्धा का रजत पापुआ न्यू गिनी की लोआ डिका ताउ को मिला जिनका कुल स्कोर 182 किलोग्राम रहा। कनाडा की रचेल लेब्लांक-बाजीनेत को 181 किलोग्राम के कुल योग के साथ कांस्य से संतोष करना पड़ा।
इस बीच, मणिपुर की राजधानी इम्फाल में मौजूद संजीता चानू के माता-पिता ने कहा कि वह बचपन से ही खेलों की दीवानी रहीं हैं।
संजीता की माता के. तेकोन लियमा ने कहा, गरीब परिवार से होने के कारण संजीता के खान-पान का ध्यान रखना हमारे लिए बहुत मुश्किल था। उसने समय-समय पर पूछा कि क्या वह खेल में करियर बनाने का सपना छोड़ दे लेकिन मैंने उसे हमेशा वह करने के लिए प्रोत्साहित किया जिसमें उसकी रुचि हो।
संजीत ने 2006 में इस खेल को चुना और वह एक अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनीं लेकिन मणिपुर सरकार ने उन्हें महज पुलिस कांस्टेबल की नौकरी दी।
इस कदम से चानू के परिवार के मान-सम्मान को ठेस पहुंचा। संजीता अभी रेलवे में नौकरी कर रही है।
चानू के परिवार ने कहा, हम चाहते हैं कि मणिपुर सरकार उसे अच्छी नौकरी दे क्योंकि उसने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश का मान बढ़ाया है।
संजीता का यह स्वर्ण पदक 21वें राष्ट्रमंडल खेल में भारत का दूसरा स्वर्ण पदक है। संजीता के पदक ने मणिपुर के भारोत्तोलकों की विरासत को आगे बढ़ाया है।
यह राष्ट्रमंडल खेलों में संजीता का दूसरा स्वर्ण पदक है। उन्होंने 2014 में ग्लासगो में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था।
संजीत ने कुल 173 किलोग्राम भार उठाया था लेकिन वह 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में नाइजीरियाई अगस्टिना नकेम नवाओकोलो द्वारा बनाए रिकॉर्ड को तोड़ने से चूक गई थीं।
संजीता पिछले वर्ष विवादों में भी रहीं। उन्होंने अर्जुन अवार्ड न दिए जाने पर अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्हें अभी तक यह सम्मान नहीं मिला है।
मुख्य समाचार
महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
-
मनोरंजन3 days ago
मशहूर कॉमेडियन समय रैना का शो एक बार फिर विवादों में, सोशल मीडिया पर मच रहा बवाल
-
राजनीति3 days ago
प्रियंका गांधी के बैग को लेकर राजनीति तेज, बीजेपी ने साधा निशाना
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
बांग्लादेश आज मना रहा विजय दिवस, जानें क्यों मनाया जाता है ये दिन
-
नेशनल3 days ago
किसान नेता जगजीत डल्लेवाल की तबियत बिगड़ी, 20 दिनों से कर रहे हैं आमरण अनशन
-
खेल-कूद3 days ago
भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने तीसरे टेस्ट में झटके 6 विकेट
-
उत्तर प्रदेश3 days ago
संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति
-
प्रादेशिक3 days ago
सीएम मोहन यादव ने किया बड़ा एलान- ग्राम पंचायत खटखरी को नगर पंचायत बनाने की घोषणा की
-
नेशनल3 days ago
अयोध्या को लेकर मौलाना अरशद मदनी ने दिया विवादित बयान, “आज अयोध्या कोई नहीं आता जाता”