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राष्ट्रमंडल खेल (साइकलिंग) : भारत के लिए निराशाजनक रहा दूसरा दिन (राउंडअप)

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गोल्ड कोस्ट (आस्ट्रेलिया), 6 अप्रैल (आईएएनएस)| भारतीय साइकिल चालकों के लिए आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में जारी 21वें राष्ट्रमंडल खेलों का दूसरा दिन निराशाजनक रहा। भारत का कोई खिलाड़ी मेडल राउंड में पहुंच नहीं पाया। साहिल कुमार, रंजीत सिंह और सानूराज सानंदराज पुरुष साइकलिंग के केरिन स्पर्धा की पहली हीट में शुक्रवार को अगले दौर के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाए। वह अपनी हीट में चौथे, पांचवे और चौथे पायदान पर रहे।

नियम के अनुसार, हर हीट में पहले दो पायदान पर रहने वाले साइकलिस्ट अगले दौर के लिए क्वालीफाई करते हैं और अन्य चालक पहले दौर के रेपचेज में भाग लेंगे। रेपचेज में पहले पायदान पर रहने वाले खिलाड़ी दूसरे दौर में प्रवेश करेंगे।

साहिल कुमार, रंजीत सिंह और सानूराज सानंदराज रेपचेज में भी जीत दर्ज नहीं कर पाए।

पुरुषों की 4,000 मीटर एकल स्पर्धा में मंजीत सिंह भी अगले दौर में प्रवेश करने में असफल रहे। उन्होंने चार मिनट 39.744 सेकेंड का समय लिया और 24वें स्थान पर रहे। इस स्पर्धा में 27 साइकलिस्ट ने हिस्सा लिया।

इससे पहले, देबोराह हेराल्ड और एलीना रीजे महिलाओं की स्प्रिंट स्पर्धा के क्वार्टरफाइनल में हार गईं।

देबोराह हीट-4 में आस्ट्रेलिया की कार्ले मैकुलोक से प्रतिस्पर्धा कर रही थीं जबकि एलीना हीट-1 में आस्ट्रेलिया की स्टेफनी मोटरेन से प्रतिस्पर्धा कर रही थीं।

मैकुलोक ने 200 मीटर के लिए 11.911 सेकेंड का समय लिया। देबोराह ने उनसे 0.117 सेकेंड ज्यादा का समय लिया।

वहीं मोटरेन ने 200 मीटर के लिए 12.435 सेकेंड का समय लिया। रीजे ने मोर्टन से 0.106 सेकेंड ज्यादा का समय लिया।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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