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ओआरओपी पर झूठ बोलना बंद करें पीएम मोदी : राहुल
नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला और कहा कि उन्हें इस मुद्दे पर झूठ बोलना बंद कर देना चाहिए और इसे लागू करके दिखाना चाहिए।
राहुल ने सरकार से मांग की कि वह पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल के परिवार से माफी मांगे। ग्रेवाल ने ओआरओपी लागू करने की मांग को लेकर बुधवार को जंतर मंतर पर आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद ग्रेवाल के परिवार के साथ पुलिस ने कथित तौर पर दुव्र्यवहार किया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस मुद्दे पर पिछले दो दिनों के दौरान तीन बार हिरासत में लिए जा चुके हैं। उन्होंने यहां कांग्रेस मुख्यालय में करीब 80 पूर्व सैनिकों से मुलाकात के बाद कहा, पूर्व सैनिकों का कहना है कि मोदी जी जिसे ओआरओपी कह रहे हैं, वह सिर्फ पेंशन वृद्धि है। इस बात को सेना के अधिकारी, जनरल सभी जानते हैं। राहुल ने कहा, नरेंद्र मोदी जी आप झूठ बोलना बंद कीजिए और ओआरओपी लागू कर के दिखाइए।
कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सवाल किया, यदि आप (प्रधानमंत्री मोदी) ने ओआरओपी लागू कर दिया है, तो ये पूर्व सैनिक जंतर मंतर पर आंदोलन क्यों कर रहे हैं? सच्चाई यह है कि सरकार ने ओआरओपी लागू ही नहीं किया है। गौरतलब है कि पूर्व सैनिकों ने इस योजना में विसंगतियों को दूर करने के लिए मंगलवार से जंतर मंतर पर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की है।
यह योजना सितंबर 2015 में घोषित की गई थी, जिसके तहत अन्य सुविधाओं के साथ ही समान रैंक और समान अवधि के बाद सेवानिवृत्त हुए सैनिकों को समान पेंशन सुनिश्चित कराना है। लेकिन सेवानिवृत्त सैनिकों का आरोप है कि सरकार ने पेंशन भुगतान में अंतर को लेकर उनकी चिंताओं को पूरी तरह दूर नहीं किया है। यह मुद्दा उस समय राजनीतिक संघर्ष का रूप ले लिया, जब राजपूताना राइफल्स के पूर्व सुबेदार ग्रेवाल (70) ने मंगलवार शाम दिल्ली के एक पार्क में जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
ग्रेवाल के शोकसंतृप्त परिवार से मिलने की कोशिश में राहुल गांधी बुधवार को हिरासत में ले लिए गए। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी हिरासत में ले लिया गया था। राहुल उन नेताओं में भी शामिल रहे, जो ग्रेवाल के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने उनके गांव पहुंचे। गांधी ने जब दिल्ली में जंतर मंतर पर बुधवार को पूर्व सैनिकों की रैली में शामिल होने की कोशिश की तो उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया।
राहुल ने कहा, पूर्व सैनिकों ने सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही है कि यह पैसे का मुद्दा नहीं, बल्कि उनके सम्मान का सवाल है, न्याय का सवाल है। उनकी कई मांगें हैं, ओआरओपी की मांग है, 7वां वेतन आयोग लागू करने की मांग है, जिसे सरकार को हर हाल में पूरा करना चाहिए।
राहुल ने कहा, पूर्व सैनिकों ने यह भी कहा कि यदि सरकार उनसे साफ-साफ कह दे कि वह उन्हें उनके पैसे नहीं दे सकती, तो वे इसकी मांग हरगिज नहीं करेंगे। राहुल ने आगे कहा, लेकिन देश में जय जवान जय किसान का नारा लगता है, और यह सरकार न तो देश के किसानों का सम्मान कर रही है, और न जवानों का। मगर उद्योगपतियों को 110,000 करोड़ रुपये दे चुकी है। यह ठीक नहीं है। राहुल ने आरोप लगाया कि ओआरओपी को लेकर आत्महत्या कर चुके पूर्व सैनिक ग्रेवाल के परिजनों को बुधवार को घसीटा गया, उन्हें पीटा गया, उन्हें एक पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया। राहुल ने कहा, यह ठीक नहीं है। किसी भी सरकार को अपनी जनता के साथ ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए, सैनिकों के साथ तो कत्तई नहीं, जो देश के लिए अपनी जान देते हैं। सरकार इसके लिए माफी मांगे।
एनडीटीवी पर एक दिन का प्रतिबंध स्तब्ध करने वाला
राहुल गांधी ने सरकार द्वारा हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर एक दिन का प्रतिबंध लगाए जाने की भी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध स्तब्ध करने वाला और अभूतपूर्व है। राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, विपक्षी नेताओं को हिरासत में लेना, टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगाना, यह मोदीजी के इंडिया के एक दिन के काम हैं। एनडीटीवी को प्रतिबंधित किया जाना स्तब्ध करने वाला और अभूतपूर्व है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एनडीटीवी को 8-9 नवंबर की रात से 24 घंटे के लिए प्रसारण बंद करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश इस साल जनवरी में पंजाब में पठानकोट में भारतीय वायु सेना के बेस पर हुए हमले की कवरेज में प्रसारण मानकों के उल्लंघन पर दिया गया है।
एडिटर्स गिल्ड ने सरकार के इस फैसले की निंदा की है और आदेश को रोके जाने की मांग की है। गिल्ड ने अपने एक बयान में कहा कि यह फैसला मीडिया की स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। यह आपातकाल के दौरान लगाई गई सेंसरशिप जैसा है।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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