प्रादेशिक
राहुल का केंद्र पर निशाना, बोले- किसानों के शोषण में आगे पर विकास में पीछे
रायपुर। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने यहां मंगलवार को केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के शोषण में आगे और विकास में पीछे है। राहुल ने राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के अंतिम दिन कहा कि राज्य में जिस तरह विकास हो रहा है, उससे किसानों तथा आम लोगों को कोई लाभ नहीं हो रहा है, केवल कुछ उद्योगपतियों को लाभ हो रहा है।
राहुल ने कहा कि कांग्रेस इस तरह का विकास चाहती है, जिसमें किसानों और आम लोगों का विकास हो। उन्होंने कहा, “मैं यह कसम खाने आया हूं कि किसी की भी जमीन उद्योग के लिए मुफ्त में नहीं ली जाएगी।” राहुल ने यह बात साराडीह से बरभाठा तक की अपनी पांच किलोमीटर लंबी पदयात्रा के दौरान क्षेत्र में बांध और कंपनियों से प्रभावित हुए लोगों से मुलाकात के दौरान कही। पदयात्रा सुबह सात बजे साराडीह के खरसियां से शुरू हुई और 11 बजे बरभाटा में समाप्त हो गई। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राहुल की पदयात्रा पहले 12 किलोमीटर प्रस्तावित थी, लेकिन सुरक्षा कारणों से उसे घटाकर पांच किलोमीटर कर दी गई।
राहुल ने रास्ते में बस्तर के पोलावरम बांध प्रभावितों से लेकर नया रायपुर, लारा, एनटीपीसी, ऐथान, भिरौनी बराज, मड़वा विद्युत संयंत्र, डिलीमिली, आरकेएस, केएसके केलो परियोजना के प्रभावितों से मुलाकात की और इस दौरान प्रभावितों ने राहुल के सामने अपनी बातें रखी। साराडीह से बरभाठा तक पदयात्रा के दौरान महानदी पर बन रहे भिरौनी साराडीह बराज के प्रभावित ग्रामीणों ने उनसे मुलाकात की। साराडीह में स्कूली छात्र-छात्राओं ने बरसात में स्कूल में पानी भर जाने की शिकायत राहुल से की, महिलाओं ने धान के कटोरे को रमन सिंह सरकार द्वारा उद्योग का कटोरा बनाए जाने की शिकायत की तो किसानों ने फसल खराब होने और भूखमरी का दुखड़ा रोया।
राहुल के काफिले का गांवों में जगह-जगह परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया। पदयात्रा में वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, वीके हरिप्रसाद, टीएस सिंहदेव, भूपेश बघेल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसी नेता शामिल थे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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