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अन्तर्राष्ट्रीय

रिचर्ड वर्मा अब नहीं रहेंगे भारत में अमेरिका के राजदूत!

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Richard vermaन्यूयार्क। रिचर्ड वर्मा भारत के राजदूत के रूप में अपना कार्यकाल संभवत: इसी माह समाप्त करेंगे। चूंकि उनका करियर राजनयिक का नहीं रहा है और उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रशासन ने राजनैतिक रूप से की थी। ऐसे में राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे ट्रंप शासन का अगर समर्थन नहीं मिला तो उन्हें पद छोडऩा होगा।

नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की कमान संभालने वाले हैं। वाशिंगटन पोस्ट की खबर के मुताबिक, ओबामा प्रशासन ने उन सभी राजदूतों से अपना इस्तीफा देने को कहा है जो पेशेवर राजनयिक का नहीं है। यह इस्तीफा ओबामा के राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल के आखिरी दिन 20 जनवरी से प्रभावी माना जाएगा।

अखबार ने नामों का खुलासा किए बगैर तीन अधिकारियों के हवाले से इसकी पुष्टि की है कि सभी राजदूतों को इस निर्देश का पालन करना होगा।

अखबार के अनुसार, गैर पेशेवर राजनयिकों से सामान्य तौर पर राष्ट्रपति का कार्यकाल समाप्ति के समय इस्तीफा देने के लिए आग्रह किया जाता है और उन्हें कुछ अतिरिक्त समय भी दिया जाता है ताकि वे अपने अधूरे काम निपटा लें।

वाशिंगटन पोस्ट ने दो अधिकारियों के हवाले से लिखा है, “आने वाले ट्रंप प्रशासन की ओर से राजनीतिक राजदूतों को असामान्य रूप से सख्त एवं विशेष निर्देश दिया गया है।” वर्मा गैर पेशेवर राजदूत हैं। वह भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं जो भारत में अमेरिकी राजदूत बनाए गए।

वह विदेश सेवा के नहीं हैं, बल्कि 2009 में हिलेरी क्लिंटन जब विदेश मंत्री थीं तब उन्हें वैधानिक मामलों का सहायक मंत्री बनाया गया था। भारत में वर्ष 2014 में राजदूत बनाए जाने के पहले एक कानूनी कंपनी में काम करने के लिए 2011 में उन्होंने विदेश विभाग छोड़ दिया था। उन्हें राजदूत बनाए जाने का सीनेट में दोनों दलों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया था।

लंबे समय से डेमोक्रेटिक पार्टी से संबद्ध रहे वर्मा नेशनल डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल अफेयर्स के निदेशक रह चुके हैं। वर्मा ने कानून की पढ़ाई की है और वायुसेना में भी इस पेशे में सेवा दे चुके हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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