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अन्तर्राष्ट्रीय

रूसी पत्रकार सेनिया सोबचक ने राष्ट्रपति पद की दावेदारी पेश की

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मॉस्को, 27 दिसम्बर (आईएएनएस)| रूस की पत्रकार, टीवी जगत की मशहूर हस्ती और समाजसेवी सेनिया सोबचक ने मंगलवार को आगामी राष्ट्रपति चुनाव में अपनी दावेदारी पेश की है, जिसे देश के केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने मंजूरी दे दी है। चुनाव आयोग ने एक दिन पहले ही मुख्य विपक्षी नेता की दावेदारी खारिज कर दी थी। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के पूर्व मार्गदर्शक अनातोली सोबचक की 36 वर्षीय बेटी सेनिया सोबचक को अक्टूबर में राष्ट्रपति पद के दावेदार के रूप में पेश किया गया था। उन्हें सिविल इनीशिएटिव पार्टी का समर्थन प्राप्त है। पार्टी, रूस के पूर्व अर्थव्यवस्था मंत्री एंड्री नेचयेव के नेतृत्व में गठित हुई थी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, इस समर्थन का अर्थ है कि सोबचक राष्ट्रपति पद की अपनी दावेदारी को औपचारिक बनाने के लिए आवश्यक एक लाख हस्ताक्षरों के लिए प्रचार शुरू कर सकती हैं। दरअसल चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार को अगर रूस के शीर्ष चार संसदीय दलों में से किसी का समर्थन प्राप्त नहीं है तो उसे अपना आधिकारिक अभियान शुरू करने के लिए तीन लाख हस्ताक्षर प्राप्त करने की जरूरत होती है।

सोमवार को विपक्ष के नेता एलेक्सी नेवलनी की राष्ट्रपति दावेदारी के दस्तावेजों को केंद्रीय चुनाव आयोग के अधिकारियों ने खारिज कर दिया था। उन्होंने नेवलनी को पांच साल जेल की सजा के आधार पर अपना फैसला दिया था। नेवलनी को बाद में पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। इसके साथ ही उनके ऊपर किसी भी सार्वजनिक पद को संभालने पर 10 साल का प्रतिबंध लगाया गया था, जो उन्हें मार्च 2018 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोकता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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