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रेलवे के पहले ‘अपशिष्ट से ऊर्जा’ संयंत्र के सामने जीएसटी की बाधाएं

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नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| भारतीय रेल के जयपुर रेलवे स्टेशन पर ‘अपशिष्ट से ऊर्जा’ संयंत्र बनाने की बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी योजना को वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) की बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है, जिस वजह से रेल नेटवर्क में इस तरह का पहले ठोस कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र की शुरुआत करने में देरी हो रही है।

जयपुर और उसके बाद नई दिल्ली में संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया दो वर्ष पहले शुरू की गई थी और सफल बोली लगाने वाले ने इसके लिए मशीनरी और प्रौद्योगिकी की व्यवस्था कर ली थी। लेकिन खरीद प्रक्रिया में जीएसटी-अनुपालन अभी तक नहीं हो पाया है, जिस वजह से परियोजना में देरी हो रही है।

जयपुर संयंत्र प्रतिदिन पांच टन के ठोस कचरे का प्रबंधन करेगा, जबकि नई दिल्ली के प्लांट में प्रतिदिन 10 टन के प्रबंधन की क्षमता होगी। इस प्रक्रिया में पृथक्करण, पुनर्चक्ररण और अपशिष्ट को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया शामिल है।

रेलवे के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई ‘राइट्स’ ने कार्पोरेट के सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत इस परियोजना को लागू करवा रही है और रेलवे ने प्लांट की स्थापना के लिए जमीन उपलब्ध करवाई है।

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने परियोजना में देरी को स्वीकारते हुए आईएएनएस से कहा, रेलवे द्वारा इस तरह की पहली परियोजना पर काम किया जा रहा है, सीखने के अनुभव के तौर पर कई सारे मुद्दे हैं, जो हमें सुलझाने हैं। जब तक खरीद प्रक्रिया में पूरी तरह से जीएसट-अनुपालन नहीं होता है, रेलवे भुगतान नहीं कर सकता है।

उन्होंने कहा, इसके अलावा, सफल बोली लगाने वालों के पक्ष से भी बैंक गारंटी का प्रबंध करने में देरी हो रही है, क्योंकि हालिया बैंक घोटालों ने प्रक्रिया को काफी मुश्किल बना दिया है।

इस परियोजना के अंतर्गत जैव निम्नीकरणीय और गैर निम्नीकरणीय कचरे के बीच पृथक्करण किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, एक टन जैव निम्नीकरणीय कचरे से 100 यूनिट की बिजली पैदा होगी। इन प्लांटों से उत्पादित ऊर्जा का रेलवे स्टेशन के समीप या सही जगहों पर उपयोग किया जाएगा।

अधिकारी ने हालांकि आशा जताई कि जीएसटी मुद्दे का हल निकाल लिया जाएगा और जयपुर में पहले संयंत्र की जल्द ही स्थापना की जाएगी और उसके बाद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन में अगले प्लांट की स्थापना की जाएगी।

रेलवे ने सभी जोन और उत्पादन इकाई को ठोस कचरा प्रबंधन प्रतिष्ठानों की स्थापना के निर्देश दिए हैं, जिसमें पृथक्करण और अपशिष्ट प्रसंस्करण विधियां शामिल हैं।

जयपुर और नई दिल्ली के अलावा, रेलवे इस तरह के संयंत्र की स्थापना पटना, सिकंदराबाद, चेन्नई और वाराणसी में करेगा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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