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प्रादेशिक

लखनऊ में ठेले पर खाद्य सामग्री बेचने वाले पहनेंगे दस्ताने

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लखनऊ

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लखनऊलखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सड़क के किनारे ठेला लगाकर खाद्य सामग्री बेचने वालों को एफएसडीए विभाग दस्ताने और टोपी देगा। विभाग ने इस योजना को लेकर सर्वे का काम शुरू कर दिया है। सर्वे के साथ ही सभी वेंडरों का पंजीकरण किया जाएगा। रास्तों पर ठेला लगाने वालों को वहां से हटाकर दूसरी जगह दी जाएगी। इतना ही नहीं, इस वितरण के बाद जो भी वेंडर बिना ग्लोब्स और कैप के खाद्य सामग्री बनाते पकड़ा जाएगा, उसका पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। साथ उसकी जगह किसी और को दे दी जाएगी।

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संजय प्रताप सिंह ने बताया कि पहले चरण के रूट का निरीक्षण शुरू हो गया है। शहरी इलाके को 23 जोनों में बांटकर एफएसडीए ने स्ट्रीट वेंडरों के सत्यापन का काम शुरू करा दिया है। ठेलों पर फल आदि से लेकर खाद्य सामग्री बनाकर बेचने वाले सभी छोटे कारोबारियों को एफएसडीए में 100 रुपये का चालान फार्म भरकर पंजीकरण कराने को जागरूक भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सत्यापन केकेसी से परिवर्तन चौक तक हो रहा है। इस काम में एफएसडीए नगर निगम का भी सहयोग लेगा। जो स्ट्रीट वेंडर सड़क पर दुकान लगाते हैं और उनके कारण ट्रैफिक व्यवस्था में व्यवधान हो रहा है, उन्हें वहां से हटाया जाएगा।

सिंह के मुताबिक, पहले चरण में हजरतगंज से परिवर्तन चौक के बीच स्ट्रीट वेंडर्स को ग्लोब्स वितरित होंगे। दूसरे चरण में हजरतगंज से केकेसी तक वितरण किया जाएगा। यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि सबसे ज्यादा स्ट्रीट वेंडर्स इसी रूट में हैं और आने वाले समय में यह मेट्रो रूट होगा।

स्ट्रीट वेंडर्स की जिम्मेदारी होगी कि वे ग्लोब्स और कैप पहनकर ही काम करें। जो भी बिना कैप और ग्लोब्स के खाना परोसते या पकाते पाया गया, उसका पंजीकरण निरस्त कर दिया जाएगा। अगर उसे जगह दी गई है तो वो भी वापस ली जाएगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने बताया कि डाटा एकत्र होने के बाद स्ट्रीट वेंडरों की सूची के साथ प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा। प्रस्ताव में स्ट्रीट वेंडरों के लिए ग्लोब्स और कैप बांटने के लिए बजट मांगा जाएगा।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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