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लोकमान्य तिलक के परपोते और कांग्रेस लीडर रोहित के खिलाफ रेप का मामला दर्ज

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पुणे। बाल गंगाधर तिलक के परपोते रोहित तिलक के खिलाफ एक महिला के साथ कथित तौर पर बलात्कार करने और ‘अप्राकृतिक’ सेक्स के लिए दबाव बनाने का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी है। कांग्रेस नेता के खिलाफ सोमवार देर रात मामला दर्ज किया गया।

दो साल पहले एक कार्यक्रम में तिलक और पीडि़त महिला की पहचान हुई थी। रोहित तिलक ने महिला को शादी का झांसा दिया और उसके साथ रेप किया। यहां तक उसकी पिटाई भी की। पीडि़त महिला 12 साल से अपने पति से अलग रह रही थी। तिलक ने इसी का फायदा उठाया।

रोहित स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक का परपोता और दिवंगत जयंतराव तिलक का पोता है। जयंतराव कांग्रेसी नेता और संसद सदस्य थे।
उनके पिता तिलक महाराष्ट्र विद्यापीठ के वाइस-चांसलर दीपक तिलक हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस ने कस्बा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए रोहित को दो बार टिकट दिया था, मगर भाजपा उम्मीदवार द्वारा उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

फिलहाल पुलिस ने रेप के मामले में रोहित को गिरफ्तार नहीं किया है। उन पर दुष्कर्म के अलावा जान की धमकी देने समेत कई आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने उन पर रेप, अप्राकृतिक सेक्स, जानबूझकर नुकसान पहुंचाने जैसी धाराएं लगाई हैं।

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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