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लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का ट्रंप कार्ड, प्रियंका सक्रिय राजनीति में
नई दिल्ली/अमेठी, 23 जनवरी (आईएएनएस)| अपना तुरुप का पत्ता खोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को अपनी बहन प्रियंका गांधी को पार्टी महासचिव पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी नियुक्त कर सक्रिय राजनीति में उनका प्रवेश सुनिश्चित कर दिया, जहां सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस को किनारे कर दिया था।
प्रियंका गांधी की नियुक्ति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित करना है, जहां पार्टी वर्षो से हाशिये पर है। भाजपा ने 2014 में यहां हुए लोकसभा चुनाव में 80 में से 71 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
राहुल गांधी ने महासचिव के रूप में प्रियंका गांधी (पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी) की नियुक्ति के बाद पत्रकारों से कहा कि यह गरीबों और कमजोर धड़ों के लिए पार्टी की ‘वास्तविक’ विचारधारा फैलाने और इसके आधार को फिर से बनाने के लिए ‘बड़ा कदम’ है।
उन्होंने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के प्रति समझौते का रवैया दर्शाया और कहा कि भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस जिस तरह से भी संभव होगा, इन दोनों पार्टियों का सहयोग करेगी।
इस ऐलान के साथ ही, उद्योगपति राबर्ट वाड्रा से शादी करने वालीं और दो बच्चों की मां प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी (रायबरेली) और राहुल गांधी (अमेठी) के लोकसभा क्षेत्रों तक ही अब तक सीमित अपनी भूमिका का विस्तार करते हुए सक्रिय राजनीति में औपचारिक रूप से प्रवेश कर लिया है।
फरवरी के पहले सप्ताह से वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपना कार्यभार संभाल लेंगी जिस क्षेत्र को मुख्यमंत्री और भाजपा के हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय योगी आदित्यनाथ के गढ़ के रूप में माना जाता है। आदित्यनाथ का संबंध पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से है। इसी शहर के गोरखनाथ मंदिर के वह प्रमुख हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले संगठनात्मक फेरबदल में कांग्रेस नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के गुना के सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस महासचिव पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की।
यह कयास लगाए जा रहे हैं कि प्रियंका गांधी अगला लोकसभा चुनाव अपनी मां की संसदीय सीट रायबरेली से लड़ सकती हैं।
इसपर एक प्रश्न का जवाब देते हुए राहुल ने कहा, “यह उन पर निर्भर करेगा। हम बैकफुट पर नहीं खेलने वाले हैं। हमने गुजरात में भी बैकफुट में नहीं खेला था। हम लोगों के लिए राजनीति करते हैं, इसलिए हम फ्रंटफुट पर खेलते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें (प्रियंका और सिंधिया) विचारधारा का प्रसार करने के लिए उत्तर प्रदेश में एक अभियान सौंपा है, जो गरीबों और समाज के कमजोर धड़ों के लिए हमारी विचारधारा है। मैं पूरी तरह आश्वस्त हूं कि प्रियंका और सिंधिया उत्तर प्रदेश को वह देंगे, जिसकी जरूरत है और जो राज्य के युवा चाहते हैं। हमें अपनी जगह बनानी होगी।”
उन्होंने कहा, “मैं अखिलेशजी और मायावतीजी का बहुत आदर करता हूं। उन्होंने अपना गठबंधन किया है और वे हमारे शत्रु नहीं हैं। हम साथ लड़ रहे हैं। अगर बची हुई पार्टियां हमारे साथ होना चाहती हैं तो उनका स्वागत है।”
यह पहली बार है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपने महासचिवों को क्षेत्रों में संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रिंयका गांधी और सिंधिया को क्रमश: पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया है, वहीं महासचिव उत्तर प्रदेश रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है।
इस फेरबदल में राहुल गांधी ने केरल से लोकसभा सदस्य के. सी. वेणुगोपाल को कांग्रेस का महासचिव (संगठन) नियुक्त किया है। यह पद पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल रहे थे।
कांग्रेस कार्यकर्ता और नेताओं ने प्रियंका गांधी की नियुक्ति को सराहा और कहा कि इससे उत्तर प्रदेश में पार्टी का प्रदर्शन बेहतर होगा जबकि भाजपा ने कहा कि ‘पारिवारिक पार्टी’ से इसी तरह की उम्मीद थी जो जवाहरलाल नेहरू के जमाने से ‘पारिवारिक शासन’ में विश्वास करती है।
भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रियंका गांधी को राहुल गांधी के लिए एक ‘बैसाखी’ करार दिया ‘जो कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में विपक्षी पार्टियों के महागठबंधन द्वारा स्वीकार नहीं किए गए है।’
पात्रा ने कहा, “पार्टी भाजपा के लिए एक परिवार की तरह है जबकि कांग्रेस के लिए परिवार ही पार्टी है। सभी चुनाव केवल एक परिवार में किए जाते हैं। अगर कहीं राहुल विफल हुए..तो नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बाद कौन होगा? केवल एक परिवार।”
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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