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खेल-कूद

लोकेश राहुल के लिए किसी बुरे सपने सरीखा रहा मेलबर्न टेस्ट

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मेलबर्न| कर्नाटक के बल्लेबाज लोकेश राहुल के लिए मेलबर्न टेस्ट किसी बुरे सपने सरीखा रहा। इस टेस्ट में राहुल की भूमिका अब समाप्त हो चुकी है और साथ ही उनके अंतर्राष्ट्रीय करियर पर एक तरह का विराम लग गया है। राहुल ने घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के दम पर टेस्ट टीम में जगह बनाई थी लेकिन वह इस मौके को भुना नहीं सके जबकि किस्मत ने उनके सामने खुद को साबित करने को दो बेहतीन मौके दिए।

इस 22 साल के बल्लेबाज ने फिरोजशाह कोटला मैदान पर मध्य क्षेत्र के खिलाफ दिलीप ट्रॉफी फाइनल में दोनों पारियों में शतक (185, 130) लगाया था और आस्ट्रेलिया दौरे के लिए अपना दावा ठोका था।

चयनकर्ताओं ने उनकी काबिलियत पर भरोसा करते हुए उन्हें मौजूदा दौरे के लिए चुना लेकिन राहुल चुनौतीपूर्ण माने जाने वाले टेस्ट क्रिकेट में अपनी काबिलियत को साबित नहीं कर सके।

एडिलेड और ब्रिस्बेन टेस्ट में राहुल को मौका नहीं मिल सका लेकिन दोनों टेस्ट मैचों में रोहित शर्मा की खराब बल्लेबाजी ने उनके लिए रास्ता खोला और मेलबर्न में कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने उन्हें टेस्ट कैप पहनाया।

मेलबर्न टेस्ट की पहली पारी में राहुल को स्वाभाव के अनुरूप पारी की शुरूआत का मौका नहीं मिला लेकिन वह ऐसा वक्त पर मैदान में पहुंचे थे, जब भारत को 409 रनों पर चार विकेट गंवा चुका था और उन्हें बस विकेट पर रहते हुए टीम को मजबूती देनी थी।

राहुल के विकेट पर आने से पहले अजिंक्य रहाणे शतक लगाकर लौटे थे। हालात भारत के पक्ष में थे। राहुल पर कोई दबाव नहीं था लेकिन उन्होंने नेथन लॉयन के ओवर में ऐसी गलती की, जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की होगी।

राहुल ने लॉयन की एक ऊंची उठती गेंद को स्वीप करने का जोखिम लिया, जिस पर बैकवर्ड स्क्वायर लेग पर लपके गए। वह सिर्फ तीन रन बना सके।

पहली पारी की निराशा से राहुल निश्चित तौर पर उबरे नहीं होंगे। वह अपने खेल को नए स्तर तक लाने का मन बना चुके होंगे। इसी क्रम में किस्मत ने उन्हें दूसरी पारी में बहुत बड़ा मौका दिया।

राहुल का क्रम छठा तय किया गया था लेकिन कप्तान ने शिखर धवन (0) का विकेट गिरने के बाद राहुल को पारी को सम्भालने के लिए क्रम से ऊपर विकेट पर भेजा।

तीसरे क्रम पर बल्लेबाजी किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है लेकिन इस क्रम के साथ महान जिम्मेदारी जुड़ी होती है। राहुल से उम्मीद थी कि वह विकेट पर रहते हुए भारत को ड्रॉ की ओर ले जाएं क्योंकि लक्ष्य बहुत कठिन था और उसे पाना मुश्किल था।

राहुल ने एक बार फिर निराश किया और सिर्फ एक रन बनाकर पवेलियन लौट गए। इस बार वह मिशेल जानसन की ऊंची और ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगा बैठे। यह बिल्कुल गैरजरूरी स्ट्रोक था। राहुल की इसकी कीमत अपने विकेट के तौर पर चुकानी पड़ी।

निश्चित तौर पर राहुल ने अपने सामने आए दो महान मौकों को गंवा दिया। अब उनके सामने दूसरा मौका कब आएगा, कहना मुश्किल है।

खेल-कूद

फुटबॉल खेलते वक्त मैदान पर गिरी बिजली, एक प्लेयर की मौत, वीडियो वायरल

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नई दिल्ली। खेल के मैदान पर अभी तक आपने कई अलग-अलग तरह के हादसों में खिलाड़ियों की मौत के बारे में खबरें सुनी होंगी, लेकिन पेरू में 3 नवंबर रविवार को एक फुटबॉल मैच के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से दर्दनाक हादसा देखने को मिला जिसमें एक खिलाड़ी की मौके पर ही मौत हो गई। मैच के दौरान अचानक मौसम खराब होने की वजह से आकाशीय बिजली गिरी जिसकी चपेट में कई खिलाड़ी आ गए जिसमें से फुटबॉल प्लेयर जोस होगा डे ला क्रूज मेजा की मौत हो गई।

पेरू के हुआंकेओ शहर के चिलका में खेले जा रहे इस फुटबॉल मैच के पहले हॉफ के दौरान आकाशीय बिजली का कहर देखने को मिला, जिसमें मौसम अचानक खराब होने की वजह से जब खेल को रेफरी ने रोकने का फैसला किया और उस समय सभी खिलाड़ी वापस अंदर जा रहे थे तो अचानक बिजली गिरी जिससे 39 साल के खिलाड़ी जोस होगो डे ला क्रूज मेजा की मौत हो गई। वहीं इस हादसे में गोलकीपर हुआन चोका भी काफी बुरी तरह से घायल हो गए। ये मैच वहां के 2 घरेलू फुटबॉल क्लब जुवेटड बेलाविस्टा और फैमिलिया चोका के बीच में खेला जा रहा था।

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