Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली को पटरी पर लाए : रमन सिंह

Published

on

Loading

रायपुर, 14 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। राज्य सरकार ने लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली को पटरी पर लाकर सैकड़ों युवाओं को उनकी प्रतिभा के अनुरूप पद दिलाया है।

इतना ही नहीं चाहे पीएससी हो, व्यापम हो या अन्य विभागीय सेवाएं, सभी जगह सरकार ने बहुत बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की हैं। ये बातें मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने रविवार को कही। (17:13)
रमन सिंह आकाशवाणी से प्रसारित रमन के गोठ कार्यक्रम में लोगों से मुखातिब थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में राज्य के युवाओं की सफलता पर खुशी प्रकट की।

उन्होंने कहा कि बेटियों ने बड़ा संघर्ष करके बड़ी सफलताएं हासिल की हैं और यह साबित कर दिया है कि वे किसी से कम नहीं है। पीएससी के टॉपर में लाइन से 3 लड़कियां हैं और ‘टॉप-टेन में से 6 लड़कियां हैं। उन बेटियों का अभिनन्दन करता हूं, जिन्होंने बड़ा संघर्ष करके, बड़ी सफलताएं हासिल की हैं। बेटियां अब मैदान में उतरकर यह साबित कर रही हैं कि वे किसी से कम नहीं हैं।

उन्होंने कहा, मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि राजनांदगांव के पांडेय परिवार की बिटिया अर्चना ने 3 बार पीएससी दी और हर बार बेहतर पद पर चुनी गई और इस बार टॉप करके अपने मनचाहे डिप्टी कलेक्टर के पद पर पहुंच गई। दूसरे स्थान पर आने वाली दिव्या वैष्णव ने 2014 में 11वीं रैंक पाई थी, लेकिन संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ा। फिर परीक्षा दी, इस बार ‘टाप-दो’ में रही और डिप्टी कलेक्टर बन गई। दिव्या की बहन भी डॉक्टर है।

उन्होंने कहा कि दीप्ति वर्मा की कहानी भी बड़ी रोचक है। डेंटल सर्जन यानी दांतों की डॉक्टर, दीप्ति ने शादी के बाद पीएससी की तैयारी शुरू की। उसके पति और ससुराल वालों ने संबल दिया। डेंटिस्ट्री और कहां नया क्षेत्र, नए ढंग की पढ़ाई और तैयारी, लेकिन उसकी लगन और मेहनत ने पहले ही प्रयास में उसे डिप्टी कलेक्टर बना दिया।

उन्होंने सौमित्र प्रधान और देवेन्द्र कुमार प्रधान दोनों इंजीनियर हैं। लेकिन इन्होंने प्रशासनिक सेवा की जिद ठानी और सफल हुए। देवेन्द्र के पिता की तबियत खराब होने के कारण पढ़ाई में रुकावट भी आई। लेकिन सारी बाधाओं को पार करते हुए देवेन्द्र डिप्टी कलेक्टर का पद पाने में सफल हुए। कई बार हमारे युवा अपनी विपरीत परिस्थितियों का हवाला देकर विचलित होने लगते हैं। हिम्मत हारने लगते हैं। उनके लिए मैं दो उदाहरण देना चाहता हूं, कि कैसे कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी रास्ता निकलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजापुर के उसूर गांव को छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक नक्सल प्रभावित गांव में गिना जाता है। यहां शिक्षक के पद पर काम करने वाले दुर्गम नागेश और मीना नागेश की बिटिया प्रीति ने शिक्षा से अपना जीवन संवारने की जिद की। वह तमाम विपरीत परिस्थितियों से लड़ती रही और अपना लक्ष्य पाने के लिए डटी रही और आखिर उसूर गांव की बेटी प्रीति का चयन डिप्टी कलेक्टर पद के लिए हो गया है।

उन्होंने कहा, नक्सल प्रभावित अंचल में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों ने अपनी परिस्थितियों से लड़ते हुए जिस तरह जीत और विकास का परचम फहराने का हौसला दिखाया है, उसको मैं सलाम करता हूं। प्रीति नागेश बीजापुर ही नहीं, बल्कि समूचे आदिवासी अंचल के युवाओं के लिए प्रेरणा का प्रतीक बन गई है।

रमन सिंह ने कहा कि रायपुर की एक बस्ती रामनगर से श्रीधर पांडा की भी यही कहानी है। पिता नीलकंठ का छोटा सा भोजनालय है, जिसमें रोज 8 घंटे काम किए बिना परिवार की रोजी-रोटी नहीं चलती। सब्जी काटना, खाना बनाना, ग्राहकों को परोसना, पानी पिलाना और यहां तक कि बर्तन मांजने तक का काम श्रीधर ने किया है। श्रीधर 2013 और 2014 में बुरी तरह पिछड़ गया था, जिसके कारण उसकी रातों की नींद भी छिन गई थी। एक समय तो उसने मन बना लिया था कि पिता के काम में ही हाथ बंटाना है। लेकिन उसका मन हुआ कि एक और कोशिश सही ढंग से की जाए। इस तरह उन्होंने बाजी जीत ली।

Continue Reading

नेशनल

लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला

Published

on

Loading

नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.

तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.

क्या है मामला ?

पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.

Continue Reading

Trending