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खेल-कूद

वनडे में धौनी 100वीं जीत हासिल करने वाले तीसरे कप्तान

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मेलबर्न। आईसीसी विश्व कप-2015 में गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच जीतने के साथ ही मौजूदा चैम्पियन भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धौनी दुनिया के तीसरे सबसे सफल वनडे कप्तान भी बन गए। मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) पर हुए क्वार्टर फाइनल मैच में भारत ने बांग्लादेश को 109 रनों से मात देकर विश्व कप-2015 के सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया और इसके साथ ही धौनी ने कप्तान के तौर पर 100वीं जीत भी हासिल कर ली।

धौनी वास्तव में यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले गैर-आस्ट्रेलियाई कप्तान भी बन गए। अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय में धौनी कप्तान के रूप में 100 या उससे अधिक जीत हासिल करने वाले दुनिया के तीसरे खिलाड़ी बने। उनसे पहले यह उपलब्धि आस्ट्रेलिया के दिग्गज कप्तान रिकी पोंटिंग (165 जीत) और आस्ट्रेलिया के ही एक और दिग्गज कप्तान एलन बॉर्डर (107) के नाम है।

धौनी ने दक्षिण अफ्रीका के दिवंगत कप्तान हैंसी क्रोनिए (99 जीत) का रिकॉर्ड ध्वस्त किया। धौनी ने यह उपलब्धि 177वें मैच में हासिल की। कप्तान के तौर पर सर्वाधिक मैच खेलने के मामले मे अभी धौनी पांचवें स्थान पर हैं। इस सूची में 230 मैचों के साथ पोंटिंग शीर्ष पर हैं, जबकि न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफेन फ्लेमिंग (218 मैच) दूसरे, श्रीलंका के अर्जुन रणतुंगा (193 मैच) तीसरे और बॉर्डर (178 मैच) चौथे स्थान पर हैं।

बांग्लादेश को हराकर धौनी ने बतौर कप्तान विश्व कप में लगातार 11वीं जीत हासिल की। इसके अलावा भारतीय टीम विश्व कप में लगातार सात मैचों में सारे 70 विकेट चटकाने वाली पहली टीम भी बन गई। धौनी को 2007 में राहुल द्रविड़ से कप्तानी उत्तराधिकार में मिली और उनकी कप्तानी में भारतीय टीम आईसीसी टी-20 विश्व कप-2007, सीबी सीरीज (2007-08), एशिया कप-2010, आईसीसी विश्व कप-2011, चैम्पियंस ट्रॉफी-2013 जीतने के साथ-साथ दुनिया की सर्वोच्च टेस्ट टीम बनी। भारत को बतौर कप्तान सर्वाधिक जीत दिलाने के मामले में धौनी के मोहम्मद अजहरुद्दीन (90 जीत) और तीसरे क्रम पर सौरभ गांगुली (76 जीत) का नंबर आता है।

खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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