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प्रादेशिक

वन नहीं तो इंसान भी नहीं बचेगा : शिवराज

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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, दो दिवसीय मुख्य वन संरक्षक सम्मेलन, पर्यावरण संरक्षण के लिए वनों को बचाना जरूरी, भोपाल के प्रशासन अकादमी में सम्मेलन का उद्घाटन

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भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यहां सोमवार को दो दिवसीय मुख्य वन संरक्षक सम्मेलन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वनों को बचाना जरूरी है। वन नहीं बचे तो इंसान भी नहीं बचेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने राजधानी भोपाल के प्रशासन अकादमी में सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारत में पेड़-पौधों की पूजा की परंपरा रही है। पेड़ों की पूजा इस बात का प्रतीक है कि वनों के बिना जीवन अधूरा है। भारतीय संस्कृति कहती है कि प्रकृति का शोषण नहीं, बल्कि दोहन करें। प्रदेश में वन क्षेत्र लगातार बढ़ा है, इसके पीछे संयुक्त वन प्रबंधन समितियों द्वारा किया गया बेहतर कार्य है। उन्होंने आगे कहा कि वनों को बचाने के लिए वनों को वनवासियों के रोजगार से जोड़ना होगा। वनोपजों का समर्थन मूल्य घोषित कर इसी दिशा में प्रयास किया गया है। बांस मिशन के जरिए भी रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने वन अफसरों से कहा कि वन संरक्षण के साथ विकास कार्य न रुके, इस पर ध्यान दे। वनवासियों की कठिनाइयों को समझकर योजनाओं को अमल में लाया जाए। वन विभाग व स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर वन ग्रामों में स्वास्थ्य शिविर लगाएं। साथ ही वन प्रबंधन में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार ने कहा कि वनवासियों का समग्र विकास संयुक्त वन प्रबंधन के माध्यम से किया जा रहा है। वन ग्रामों में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वन रक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है। वनों के विकास एवं संरक्षण में क्षेत्रीय अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। प्रमुख सचिव (वन) दीपक खांडेकर ने भरोसा दिलाया कि विभाग राज्य शासन की प्राथमिकता के अनुरूप पर्यावरण और वन संरक्षण का कार्य करेगा। शुरुआत में प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरेंद्र कुमार ने सम्मेलन के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सम्मेलन में संयुक्त वन प्रबंधन, वन्य प्राणी प्रबंधन, वन संरक्षण और वन क्षेत्रों में आजीविका के साधन बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। अंत में मुख्य वन संरक्षक सी़ एस़ मान ने आभार प्रकट किया।

 

उत्तर प्रदेश

आमजन को शीतलहर से बचाने में जुटी योगी सरकार, जनपदों को आवंटित किए 20 करोड़

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लखनऊ| योगी सरकार ने ठंड को देखते हुए प्रदेशवासियों को शीतलहर से बचाने के लिए कंबल और अलावा के लिए विभिन्न जिलों को पहली किस्त जारी कर दी है। योगी सरकार ने करीब 20 करोड़ आवंटित करते हुए निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को राहत देने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि जरुरतमंदों को वितरित किये जाने वाले कंबलों की गुणवत्ता उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। साथ ही सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को निराश्रित व्यक्तियों, शरणार्थियों और प्रभावितों के अस्थायी आवास, भोजन, वस्त्र एवं चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। राहत विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को धनराशि आवंटित कर दी है। जिलाधिकारियों द्वारा कंबल और अलाव के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है।

गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर के लिए सबसे ज्यादा धनराशि आवंटित

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के हर कमजोर वर्ग के साथ हमेशा खड़े रहते हैं। योगी सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं भी चलायी जा रही हैं। सरकार कमजोर, असहाय वर्ग के लोगों को आपदा से बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। ठंड की शुरुआत के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर शीतलहरी से निपटने के लिए 351 तहसील को कंबल के लिए पहली किस्त के रूप में 17.55 करोड़ रुपये आवंटितक किए गए हैं। वहीं अलाव के लिए एक करोड़ 75 लाख 50 हजार रुपये आवंटित किए गए। विभाग ने पहली किस्त के रूप में कुल उन्नीस करोड़ तीस लाख पचास हजार रुपये आवंटित किये हैं। इसमें 38 लाख 50 हजार रुपये की सर्वाधिक धनराशि गाजीपुर, बुलंदशहर, गोरखपुर, सीतापुर और लखीमपुर खीरी के लिए आवंटित की गई है। सभी मंडलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को ठंड से निपटने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।

शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शीतलहरी से निपटने के लिए जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, अपर जिलाधिकारियों, उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निराश्रित, असहाय एवं कमजोर वर्ग के लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दिये हैं। शीतलहरी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु न हो, यह सुनिश्चित करने को कहा गया है। सभी नगर पंचायत, नगर पालिका, नगर निगम एवं ग्रामीण इलाकों के सार्वजनिक स्थलों पर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने को कहा गया है। इसके अलावा हर शहर की सीमा के तहत मुख्य मार्गों एवं विशेषकर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों में सफेद थर्मोप्लास्टिक पेंट द्वारा पट्टियों को दर्शाने, रिफलेक्टर, सोलरकैट साईन एवं डेलिवेटर लगाने का काम समय से पूरा करने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण दुर्घटना न हो। इसके अलावा अभियान चलाकर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कृषि कार्यों में उपयोग में आने वाली ट्रैक्टर ट्रालियों के पीछे रेडियम की पीली पट्टी लगवाने को कहा गया है, जिससे कोहरे के कारण होने वाली दुर्घटनाओं पर नियत्रंण किया जा सके। शासन ने निर्देश दिया है कि सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत में समय रहते रैन बसेरे एवं शेल्टर होम आदि की स्थापना कर ली जाए। रैन बसेरों-शेल्टर होम पर व्यवस्थापक का नाम और मोबाइल नंबर अवश्य दर्शाया जाए। जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रात में औचक निरीक्षण भी किया जाए।

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