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बिजनेस

एम्पायर समूह ने एफएमसीजी कारोबार में रखा कदम, उतारे ‘वन मोर’ स्नैक्स

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वन मोर

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वन मोरनई दिल्ली| कंपनी एम्पायर होम अप्लायंसेज प्राइवेट लिमिटेड ‘जीईएम’ ने वन मोर’ ब्रांड नाम के साथ एफएमसीजी क्षेत्र में कदम रखा है। ‘वन मोर’ विभिन्न स्वाद वाले उत्पादों की पेशकश के साथ तैयार खाद्य वस्तु क्षेत्र का एक जबरदस्त ब्रांड है। यह अपने ग्राहकों को सफल, नवप्रवर्तित, स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद मुहैया करा रहा है जो हमेशा नए स्वाद की तलाश में रहते हैं। वन मोर नमकीन, स्नैक्स, बिस्कुट, वैफर और मिठाइयों की वृहत श्रृंखला की पेशकश करती है जो भारतीय ग्राहकों की पसंद और जेब के लिहाज से बिल्कुल उपयुक्त है।

‘वन मोर’ की प्रबंध निदेशक अनीता कुमार ने कहा, ‘हम होम एंड किचेन अप्लायंसेज क्षेत्र में चार दशक से भी अधिक समय से भारतीय उपभोक्ताओं के करीब रहे हैं। उपभोक्ताओं के बर्ताव, उनकी पसंद की गहरी जानकारी और स्नैक्स में नए स्वाद की बढ़ती तलाश के ध्यान में रखते हुए हमने ‘वन मोर’ को लांच किया है

उन्होंने आगे कहा कि हम अपनी रणनीति के प्रथम चरण के तहत उत्तर भारत में अपना विस्तार करेंगे और हम जल्द ही देश के अन्य भागों में भी अपनी पहुंच बनाने की योजना बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य 2020 तक भारत के चार शीर्ष ब्रांडों में शुमार होना है।’

‘वनमोर’ ब्रांड फिलहाल हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल और झारखंड जैसे राज्यों में मौजूद है।

‘वनमोर’ के विपणन प्रमुख राहुल शर्मा ने कंपनी की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि उपभोक्ताओं में ब्रांड के प्रति जागरूकता पैदा करने और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लक्ष्य के साथ यह अभियान शुरू किया गया है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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