बिजनेस
वाई वाई नूडल्स की दक्षिण भारत में 15 फीसदी हिस्सेदारी
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| नेपाल और पूर्वोत्तर भारत में दशकों से बाजार का प्रमुख नूडल ब्रांड वाइ वाइ ने अपने लांच के बाद से अब तक दक्षिण भारत में उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज की है और इसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 15 प्रतिशत हो गई है। कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में विशेष तौर पर यह सबसे तेजी से बढ़ते ब्रांड में शामिल हुआ है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने 2016 के मध्य से दक्षिण भारत में जोरदार तरीके से विस्तार का फैसला किया था। इतने कम अंतराल में ही यह अपने अनूठे स्वाद, नूडल्स की गुणवत्ता, इसकी सीजनिंग के विशेष स्वाद एवं जायके के कारण पसंदीदा ब्रांड बन गया है।
वाइ वाइ मौलिक नूडल है जिसे 30 साल पहले नेपाल और पूर्वोत्तर भारत में लांच किया गया था। नेपाल और पूर्वोत्तर भार में यह सबसे अग्रणी ब्रांड है जिसकी बाजार हिस्सेदारी 70 प्रतिशत से अधिक है। पसंद इतनी अलग-अलग है कि वे कई तरह के विकल्प पेश करते हैं – 1. ब्राउन नूडल्स : खाने के लिए तैयार नूडल्स जिसे पैकेट से निकालकर सीधे खाया जा सकता है क्योंकि यह पहले से ही पका होता है:, 2. सफेद नूडल : इंस्टैंट नूडल्स – इसे पकाकर खाना होता है:, 3. कप नूडल्स, 4. हक्का नूडल्स, 5. नूडल्स भुजिया।
वाई वाई नूडल्स सामान्य सब्जी और चिकन से लेकर तुरंत तैयार होने वाली करी, पिज्जा नूडल्स, मसाला फ्यूजन, मसाला डिलाइट और बेहद सौम्य जैन नूडल्स तक के जायके में उपलब्ध है।
ब्रांड के पास गुवाहाटी, पूर्णिया, सिक्किम, रुद्रपुर, सिलचर और चित्तूर समेत पूरे भारत में इस ब्रांड के नूडल्स का उत्पादन हो रहा है। सालाना 2.3 अरब पैकेट का उत्पादन होता है और विश्व भर के 35 से अधिक देशों में इसे बेचा जा रहा है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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