मुख्य समाचार
वाड्रा लैंड डील में दोषी
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर संकट के बदल छा सकते है। सीएजी की रिपोर्ट में सामने आया है की पिछली सरकार ने सभी नियमों और कानूनों को भूल कर वाड्रा के अलावा पांच और बिल्ड़रों को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया इनमें पूर्व कांग्रेस मंत्री विनोद शर्मा के साथ साथ पिकाडली समेत डीएलएफ कंपनी का भी नाम शामिल है।
वाड्रा की जमीन सौदे का मामला अब कांग्रेस के लिए गले की फांस बन गया है की पीछा छोड़ने का नाम ही नहीं लेता जबकि उस समय की हुड्डा सरकार ने वाड्रा के फेवर में रहकर बात की थी। और इस मामले को उजागर करने वाले आई ए एस अशोक खेमका को काफी परेशानी भी झेलनी पड़ी थी फिलहाल सीएजी की रिपोर्ट ने खेमका दवारा उठाये गए सवालों को जायज करार दिया है।
सीएजी ने कहा है की वाड्रा के आलावा ने वाड्रा के अलावा कई और कंपनियां भी ग़लत तरीके से फायदा उठा रहीं है। पिकाडली होटलस् प्राइवेट लिमिटेड (विनोद शर्मा की कम्पनी है ) ए एंड डी एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, -उप्पल हाऊसिंग प्राइवेट लिमिटेड, एस वी हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, त्रिशूल इंडस्ट्रीज और डीएलएफ यूनिवर्सल प्राइवेट लिमिटेड।
सीएजी की रिपोर्ट के अनुसार रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी पर हरियाणा सरकार ने जमकर मेहरबानी की यहां तक की कमर्शियल कॉलोनी के लिए पर्याप्त जमीन न होते हुए भी कंपनी को लाइसेंस जारी किया गया यहां तक की कॉलोनी के लिए जरुरी 2 एकड़ एफआरए के नियम को ही बदल दिया गया,अशोक खेमका ने इस जमीन के म्यूटेशन रद्द कर दी थी, मगर यहाँ भी सरकार द्वारा नियम की अनदेखी की गई।
इस जमीन को एक खास प्रोजेक्ट के लिए कृषि से बदलकर कमर्शियल बनाने का लाइसेंस दिया गया था, लेकिन वाड्रा की कम्पनी ने ये प्रोजेक्ट लगाए बिना कई गुना कीमत पर ये जमीन लाइसेंस समेत डीएलएफ को बेच दी नियम के मुताबिक़ तो कंपनी से अर्जित पैसा सरकारी खजाने में जाना था, लेकिन ये मुनाफा वाड्रा की कम्पनी को चला गया, इस पूरे मुद्दे को बीजेपी ने चुनाव से पहले और सरकार बनने तक उठाया जरूर,मगर उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला और आज भी सरकार का जवाब वही है।
नेशनल
मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।
गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।
शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।
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