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यह शाकाहारी मगरमच्‍छ मरने के अगले दिन हो जाता है जीवित

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बबिआ, मगरमच्छ, झील, पद्मानाभस्वामी, भारत

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नई दिल्ली। अगर हम आपको बताएं कि एक मगरमच्छ ऐसा भी है जो शाकाहारी है तो शायद आप विश्‍वास नहीं करेंगे। जी हाँ, अब हम आपको ऐसे ही एक मगरमच्छ के बारे में बताने जा रहे हैं जो सिर्फ प्रसाद
खाता हैं।

बबिआ, मगरमच्छ, झील, पद्मानाभस्वामी, भारत

ये शाकाहारी मगरमच्छ भारत में ही मौजूद है। केरल के प्रसिद्ध मंदिर पद्मानाभस्वामी मंदिर में बना तालाब उसका निवास स्‍थान है। यह मंदिर भगवान विष्णु का हैं और ये मंदिर झील के बीच में बना हुआ हैं। इस मगरमच्छ का नाम बबिआ है और ये मगरमच्छ मंदिर का पहरेदार भी हैं।

‘बबिआ’ नाम के मगरमच्छ से प्रसिद्ध इस मंदिर में यह भी मान्यता है कि जब इस झील में एक मगरमच्छ की मौत होती है तो रहस्यमयी ढंग से दूसरा मगरमच्छ प्रकट हो जाता है। इसे मान्‍यता कहें या विश्‍वास, लेकिन स्‍थानीय लोगों और दर्शनार्थियों का तो यही मानना हैं।

बबिआ, मगरमच्छ, झील, पद्मानाभस्वामी, भारत

क्‍या है मान्‍यता

भगवान की पूजा के बाद भक्तों की ओर से चढ़ाये गये प्रसाद को बबिआ को खिलाया जाता है। मंदिर में प्रसाद खिलाने की अनुमति सिर्फ मंदिर के पुजारियों को ही है। मगरमच्छ शाकाहारी है और वह झील के अन्य जीवों को नुकसान नहीं पहुंचाता। यह मगरमच्छ अनंतपुर मंदिर की झील में करीब 60 सालों से रह रहा है। स्थानीय लोगों की माने तो, इस मगरमच्छ की 1945 में एक अंग्रेज ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, लेकिन दूसरे ही दिन यह मगरमच्छ फिर वहां प्रकट हो गया था। लोगों का कहना है कि इस मगरमच्‍छ ने आज तक किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।

 

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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