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बिजनेस

वित्तीय घाटा दूसरी तिमाही में सालाना बजटीय लक्ष्य का 92 फीसदी

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नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)| देश का वित्तीय घाटा अप्रैल-जुलाई में चालू वित्त वर्ष के सालाना बजटीय लक्ष्य का 92 फीसदी या 5.05 लाख करोड़ रुपये रहा है, जबकि पूरे साल का लक्ष्य 5.46 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। आधिकारिक आंकड़ों से गुरुवार को यह जानकारी मिली। महालेखा नियंत्रक (सीजीए) द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि वित्तीय घाटा अप्रैल-जुलाई तिमाही के दौरान पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में बजट का 73.7 फीसदी रहा है।

वित्त वर्ष 2017-18 में सरकार ने राजस्व और खर्च के अंतर (वित्तीय घाटा) को 5.46 लाख करोड़ रुपये रखने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 5.34 लाख करोड़ रुपये था।

सीजीए के आंकड़े के मुताबिक समीक्षाधीन अवधि के दौरान कर राजस्व प्राप्ति 2.57 लाख करोड़ रुपये या अनुमान का 21 फीसदी रही, जबकि सरकार को गैर-ऋण पूंजी से कुल राजस्व प्राप्ति 3.03 लाख करोड़ रुपये या वर्तमान साल के बजटीय अनुमान का 19 फीसदी रही।

आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जुलाई अवधि में सरकार का कुल खर्च 8.08 लाख करोड़ या समूचे बजट अनुमान का 37.7 फीसदी रहा। समीक्षाधीन अवधि में राजस्व घाटा 4.22 लाख करोड़ रुपये या अनुमान का 131.2 फीसदी रहा।

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नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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