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विवादित ढांचा विध्वंस मामले पर सुनवाई पूरी, फैसला रिजर्व

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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने विवादित ढांचा विध्वंस मामले में फैसला सुरक्षित रख​ लिया है। आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ये संकेत दिया रायबरेली वाला केस भी लखनऊ में साथ-साथ चले और रोज सुनवाई हो​ और केस 2 साल के भीतर निपटाया जाए। दोनों मामले साथ चलने से आडवाणी समेत कई नेताओं के खिलाफ साज़िश की धारा बहाल हो जाएगी।
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कहा कि सभी चौदह आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने की धाराएं हटा दी गई​ हैं। हम चाहते हैं कि उन धाराओं को फिर से लगाया जाए। सीबीआई ने कहा कि उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता है ।सीबीआई और सीआईडी ने अलग-अलग जांच की लेकिन किसी में आपराधिक साजिश रचने की धाराएं नहीं लगाई है। सीबीआई ने कहा कि एक मामला रायबरेली में चल रहा है जबकि दूसरा लखनऊ में। सीबीआई वकील ने कोर्ट को बताया कि लखनऊ ट्रायल कोर्ट में 195 गवाहों के बयान दर्ज हो चुके हैं और करीब 500 और के होने बाकी हैं। वहीं, रायबरेली के अदालत में 57 गवाहों के बयान हो गए हैं, जबकि 100 से ज्यादा के लंबित हैं।

बीजेपी नेताओं की तरफ से वकील केके वेणुगोपाल ने कहा कि अगर केस लखनऊ ट्रांसफर किया जाता है हमारे अधिकारों कानून उल्लंघन होगा| उन्होंने कहा कि अधिकारों का उल्लंघन कर न्याय तक नहीं पहुंचा जा सकता है। सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील और कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एमिकस क्यूरी यानि न्याय मित्र बनने का आफर किया जिसका वेणुगोपाल ने ये कहते हुए विरोध किया कि वे कांग्रेस के नेता हैं और राजनीतिक फायदे के लिए वे एमिकस बनना चाहते हैं। लिहाजा उन्हें एमिकस न बनने दिया जाए। सिब्बल​ ने कहा कि वे केवल कानून पर अपनी बात रखना चाहते हैं। सिब्बल ने कहा कि मामला इतने सालों से लटका है यही एक बड़ा स्कैंडल है ।

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दो सप्ताह लिखित बहस पेश करने का निर्देश दिया था। दरअसल बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के वकील केके वेणुगोपाल ने कहा था कि वे दूसरे केस में व्यस्त हैं।

आपको बता दें कि जस्टिस​ नरीमन ने छह मार्च को संकेत दिया था कि बीजेपी और 13 हिंदू नेताओं के खिलाफ दोबारा सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ ट्रायल में हो रही देरी पर चिंता जताई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को ये सुझाव दिया कि वे रायबरेली और लखनऊ में चल रहे मामलों को एक साथ सुनवाई के लिए लगाएं और सुनवाई लखनऊ में हो ।

लखनऊ वाले मामले में बीजेपी और संघ परिवार के बड़े नेताओं के ऊपर से साज़िश की धारा हटाई जा चुकी है। इसी को सीबीआई ने चुनौती दी है। लखनऊ का मामला ढांचा गिराए जाने से जुड़ा है। रायबरेली का मामला भीड़ को उकसाने का है। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपियों को आरोपमुक्त की दिया है जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है । हाईकोर्ट ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी सहित अन्य आरोपियों को आरोपमुक्त किया था ।

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पीएम मोदी पर लिखी किताब के प्रचार के लिए स्मृति ईरानी चार देशों की यात्रा पर

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नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एक नवीनतम पुस्तक ‘मोडायलॉग – कन्वर्सेशन्स फॉर ए विकसित भारत’ के प्रचार के लिए चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गई हैं। यह दौरा 20 नवंबर को शुरू हुआ और इसका उद्देश्य ईरानी को मध्य पूर्व, ओमान और ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से जोड़ना है।

स्मृति ईरानी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि,

एक बार फिर से आगे बढ़ते हुए, 4 देशों की रोमांचक पुस्तक यात्रा पर निकल पड़े हैं! 🇮🇳 जीवंत भारतीय प्रवासियों से जुड़ने, भारत की अपार संभावनाओं का जश्न मनाने और सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह यात्रा सिर्फ़ एक किताब के बारे में नहीं है; यह कहानी कहने, विरासत और आकांक्षाओं के बारे में है जो हमें एकजुट करती हैं। बने रहिए क्योंकि मैं आप सभी के साथ इस अविश्वसनीय साहसिक यात्रा की झलकियाँ साझा करता हूँ

कुवैत, दुबई, ओमान और ब्रिटेन जाएंगी स्मृति ईरानी

डॉ. अश्विन फर्नांडिस द्वारा लिखित यह पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासन दर्शन पर प्रकाश डालती है तथा विकसित भारत के लिए उनके दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करती है। कार्यक्रम के अनुसार ईरानी अपनी यात्रा के पहले चरण में कुवैत, दुबई, फिर ओमान और अंत में ब्रिटेन जाएंगी।

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