मुख्य समाचार
ऑस्ट्रेलिया पांचवीं बार बना वर्ल्ड क्रिकेट का बादशाह
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने रविवार को 93 हजार से अधिक दर्शकों से खचाखच भरे मेलबर्न क्रिकेट मैदान (एमसीजी) स्टेडियम में हुए आईसीसी विश्व कप-2015 के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड को सात विकेट से मात देकर रिकॉर्ड पांचवीं बार विश्व कप अपने नाम कर लिया। आस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड से मिले 184 रनों के आसान लक्ष्य को 101 गेंद शेष रहते तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया।
कप्तान माइकल क्लार्क (74) ने अंतर्राष्ट्रीय एकदिवसीय की अपनी विदाई पारी में शानदार प्रदर्शन किया और आस्ट्रेलिया को विश्व चैम्पियन बनाने में अहम भूमिका निभाई। क्लार्क के अलावा स्टीवन स्मिथ (नाबाद 56) और डेविड वार्नर (45) ने भी अहम योगदान दिया। एक ही ओवर में लगातार दो विकेट चटकाने वाले और न्यूजीलैंड की शतकीय साझेदारी को तोड़ने वाले आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेम्स फॉल्कनर को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। फॉल्कनर ने नौ ओवर गेंदबाजी की और 36 रन देते हुए तीन विकेट चटकाए।
लक्ष्य आसान होने के बावजूद सलामी बल्लेबाज एरॉन फिंच खाता खोले बगैर दूसरे ओवर की चौथी गेंद पर पवेलियन लौट गए। न्यूजीलैंड के टूर्नामेंट में सफलतम गेंदबाज ट्रेंट बोउल्ट ने फिंच का कैच अपनी ही गेंद पर लपका। इसके साथ ही बोल्ट आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क के साथ इस विश्व कप में सर्वाधिक 22 विकेट लेने के मामले में संयुक्त रूप से शीर्ष पर पहुंच गए। स्टार्क ने टूर्नामेंट में एक पारी में सर्वाधिक सात विकेट हासिल करने का कारनामा किया और उन्हें उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे स्मिथ ने डेविड वार्नर (45) के साथ दूसरे विकेट के लिए 61 रनों की साझेदारी निभाई और आस्ट्रेलिया को पहले झटके से उबार लिया। वार्नर हालांकि अपना अर्धशतक पूरा नहीं कर सके और 13वें ओवर की दूसरी गेंद पर ग्रांट इलियट को कैच थमा बैठे। यह विकेट मैट हेनरी ने लिया। इस बीच वार्नर ने 46 गेंदों में सात बाउंड्री लगाई।
इसके बाद क्लार्क ने स्मिथ के साथ तीसरे विकेट के लिए संयम से खेलते हुए 112 रनों की साझेदारी की और टीम को जीत के बिल्कुल नजदीक पहुंचा दिया। क्लार्क का विकेट 175 के कुल योग पर गिरा। मैट हेनरी की अंदर को आती गेंद क्लार्क के बल्ले का भीतरी किनारा लेकर स्टम्प से टकरा गई। क्लार्क ने इस बीच 72 गेंदों की अपनी बेहद नियंत्रित पारी में 10 चौके और एक छक्का लगाया। इसके बाद हालांकि आस्ट्रेलिया ने जीत हासिल करने में कोई विकेट नहीं गंवाया और स्मिथ ने 34वें ओवर की पहली गेंद पर चौका लगाकर आस्ट्रेलिया को जीत दिलाई।
टूर्नामेंट में आस्ट्रेलिया के सर्वोच्च स्कोरर रहे स्मिथ 71 गेंदों पर तीन चौके लगाए और अंत तक नाबाद रहे। इससे पहले, टॉस जीतकर न्यूजीलैंड का पहले बल्लेबाजी चुनने का फैसला गलत साबित हुआ। न्यूजीलैंड के बल्लेबाज आस्ट्रेलियाई आक्रमण के आगे टिक नहीं सके और 45 ओवरों में सिर्फ 183 रन बनाकर धराशायी हो गए। अपना सातवां विश्व कप फाइनल खेल रही चार बार की चैम्पियन आस्ट्रेलियाई टीम को शानदार शुरुआत दिलाते हुए टूर्नामेंट में उसके सफलतम तेज गेंदबाज स्टार्क ने पांचवीं गेंद पर ही पहली सफलता दिला दी।
अब तक टूर्नामेंट में बेहद आक्रामक खेलते आ रहे और इस मैच में आस्ट्रेलिया के लिए मुख्य खतरा माने जा रहे न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैक्लम खाता खोले बगैर क्लीन बोल्ड हो गए। मैक्लम के जाने के बाद न्यूजीलैंड पर दबाव साफ दिखने लगा और उसकी रन गति काफी धीमी हो गई। क्लार्क ने गेंदबाजी में परिवर्तन करते हुए तेज गेंदबाजों को आराम देकर स्पिन गेंदबाज ग्लेन मैक्सवेल को 12वें ओवर में आक्रमण पर बुलाया और मैक्सवेल ने अपनी दूसरी ही गेंद पर इसी विश्व कप में दोहरा शतक लगा विश्व कप की सबसे बड़ी पारी खेलने वाले मार्टिन गुप्टिल (15) को 33 के कुल योग पर क्लीन बोल्ड कर दिया। गुप्टिल ने 34 गेंदों का सामना किया था और एक चौका और एक छक्का लगाया था।
गुप्टिल के जाने के छह गेंद बाद ही 33 गेंदों पर एकमात्र चौका लगाकर परेशानी में दिख रहे केन विलियमसन (12) भी मिशेल जॉनसन की गेंद पर जॉनसन को ही आसान कैच थमा बैठे। 39 के कुल योग पर विलियमसन के जाने के बाद हालांकि रॉस टेलर (40) और ग्रांट इलियट (83) ने चौथे विकेट के लिए संयम के साथ खेलते हुए 111 रनों की साझेदारी निभाई। आस्ट्रेलियाई आक्रमण को इससे समझा जा सकता है कि इस विश्व कप में आस्ट्रेलिया के खिलाफ किसी भी टीम की यह दूसरी शतकीय साझेदारी रही।
इस साझेदारी की बदौलत संभलती दिख रही न्यूजीलैंड की पारी को हालांकि जेम्स फॉल्कनर ने 36वें ओवर में दो विकेट चटकाकर पलट दी। फॉल्कनर ने 36वें ओवर की पहली गेंद पर पहले रॉस टेलर को विकेट के पीछे ब्रैड हैडिन के हाथों लपकवाकर यह शतकीय साझेदारी तोड़ी और उसके बाद तीसरी ही गेंद पर कोरी एंडरसन को खाता खोले बगैर क्लीन बोल्ड कर पवेलियन की राह दिखा दी और न्यूजीलैंड को पांचवां बड़ा झटका दे दिया। टेलर 72 गेंदों की अपनी पारी में दो चौके लगा सके।
अगला ओवर लेकर आए स्टार्क ने ल्यूक रोंची को भी शून्य के निजी योग पर क्लार्क के हाथों कैच करवा दिया और न्यूजीलैंड की आखिरी बल्लेबाजी विशेषज्ञ जोड़ी को भी तोड़ दिया। इस बीच इलियट एक छोर थामकर खड़े रहे और लगभग हर ओवर में एक बाउंड्री के साथ ठीक-ठाक स्कोर करते रहे, लेकिन दूसरे छोर से विकेटों के गिरने का सिलसिला आगे भी जारी रहा। 35 ओवर में तीन विकेट पर 150 रन बनाकर ठीक-ठाक नजर आ रही न्यूजीलैंड टीम ने आखिरी के 10 ओवरों में 33 रन बनाने में अपने शेष सात विकेट गंवा दिए। 82 गेंदों में सात चौके और एक छक्का लगाकर 83 रनों की बेहतरीन पारी खेलने वाले इलियट, फॉल्कनर द्वारा लाए गए 42वें ओवर की पांचवीं गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए और 171 के कुल योग पर उनकी जुझारू पारी का अंत हो गया। आस्ट्रेलिया की ओर से जॉनसन और फॉल्कनर ने तीन-तीन विकेट चटकाए, जबकि स्टार्क को दो और मैक्सवेल को एक विकेट मिला।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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