Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

वीडियो कान्फ्रेसिंग की सुविधा उठाएंगे हिमांचल में कैदी 

Published

on

Loading

शिमला| हिमाचल प्रदेश की जेलों में पहली बार हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जायेगा। जिससे माध्यम से सभी कैदी अपने दूर बैठे परिजनों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से मिल पा रहे हैं। यह सुविधा उन कैदियों के लिए ज्यादा लाभप्रद है जिनके रिश्तेदार सरहद के उस पार से लेकर सात समुंदर पार रहते हैं।

यहां की जेल में बंद एक कैदी विदेश में रह रही अपनी बेटी से सिर्फ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ही मिल पाया है। जबकि दूसरे कैदी भी इस सुविधा का लाभ उठाकर अपने परिजनों का कीमती समय और पैसों की बचत करते हैं।

दिलचस्प है कि एक कैदी अपनी नवजात बेटी को पहली बार वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ही देख पाया।

अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) एस.आर. मरदी ने आईएएनएस को बताया, “पिछले डेढ़ सालों में तकरीबन 1,100 वीडियो कान्फ्रेसिंग के अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 55 ब्रिटेन के और 22 फिनलैंड के अलावा दूसरे देशों के थे। (यहां की जेल में कई सारे विदेशी कैद की सजा काट रहे हैं)।”

उन्होंने बताया कि ‘जेल वार्ता’ नाम की इस वीडियो कान्फ्रेसिंग सेवा से किसी कैदी से उसके घर के कई सदस्य मिल सकते हैं। जबकि जेल आकर मिलने वाले मुलाकातियों की संख्या निर्धारित होती है।

मरदी के मुताबिक राज्य के सभी छह जेलों में वीडियो चैट की यह सुविधा डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट प्रिजन्स डॉट एनआईसी डॉट इन नाम के पोर्टल से मुहैया कराई गई है।

इस सुविधा के शुरू होने के बाद जेल अधिकारियों को दिए गए अपने फीडबैक में कैदी अमित शर्मा ने लिखा कि “अब मैं इस सुविधा का इस्तेमाल करने के बाद पहले से ज्यादा मानसिक शांति महसूस कर रहा हूं। यहां तक कि इस सुविधा से ही वह अपनी नवजात बेटी को पहली बार देख पाया।”

एक दूसरे कैदी चंदे राम ने फीडबैक में लिखा कि यह उसकी विदेश में रह रही बेटी से मिलने का एकमात्र माध्यम है।

कैदी गौरव वर्मा ने बताया, “इस सुविधा का इस्तेमाल कर मेरे माता-पिता पैसों की भी बचत कर रहे हैं, जोकि पहले उनके हर महीने यहां आकर मिलने में खर्च होते थे। इससे उन्हें आर्थिक तंगी से उबरने में भी मदद मिली है।”

जेल अधिकारियों ने बताया कि एक रूसी कैदी नियमित रूप से अपनी पत्नी से बात करता है तथा वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से ही उसने भी पहली बार अपने नवजात बेटे की सूरत देखी।

मरदी ने बताया, “इस सुविधा के माध्यम से पैरोल की भी सुनवाई होती है तथा अभियुक्त और अभियोजन पक्ष की जांच हो पाती है। साथ ही इससे आने-जाने में होने वाले खर्च की भी बचत होती है। यहां तक कि कैदियों के आव्रजन संबंधी सुनवाई भी इसके माध्यम से की जाती है।”

जेल अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न जेलों में बंद 105 कैदी आठ अलग-अलग देशों के हैं। इनमें से 88 नेपाल के हैं, जबकि बाकी 17 मुख्यत: ब्रिटेन, रूस, तुर्की, इजरायल और नाइजीरिया से ताल्लुक रखते हैं।

इन 17 कैदियों में से सात पर आरोप साबित हो चुका है, जबकि बाकियों का ट्रॉयल चल रहा है। इनमें से अधिकतर को ड्रग तस्करी में नारकोटिक्स एक्ट (एनडीपीसी) के अंतर्गत पकड़ा गया है।

पुलिस के मुताबिक, ड्रग तस्करी में आसानी से ढेर सारा पैसा बनाने के चक्कर में कई सारे विदेशी इनमें लिप्त होते हैं। कुल्लू घाटी के आसपास कई दुर्गम इलाकों में मुख्यत: मादक पदार्थो की खेती होती है, जहां से इनकी तस्करी की जाती है।

मरदी ने बताया कि वीडियो कान्फ्रेसिंग का एक फायदा यह भी है कि इससे कैदियों के पास नशे का सामान या गैरकानूनी चीजें नहीं भेजी जा सकती। उन्होंने बताया कि ट्रायल में बंद कैदियों से भी जांच अधिकारी इस सुविधा के माध्यम से पूछताछ करते हैं।

राज्य सरकार की ‘जेल वार्ता’ नाम की इस परियोजना को ई गवर्नेन्स के लिए पिछले महीने नई दिल्ली में ‘मंथन- साउथ एशिया एंड एशिया पैशिफिक अवार्ड 2014’ दिया गया।

इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में जेल सुधार को लेकर कई अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसके तहत जेल के एक बैरक को ‘खुली जेल’ घोषित किया गया है, जोकि कांडा, नाहन, सोलन, मंडी, धर्मशाला और चंबा शहरों में स्थित है।

इन जेलों में कैदियों को बाहर जाकर कामकाज करने की सुविधा दी जाती है। 26 जनवरी को होने वाली परेड में ‘खुली जेल’ के दो कैदियों को पहली बार बैंड वादक के रूप में शामिल होने का मौका मिला। सफेद परिधान और पट्टीदार कमरबंद से सजे लोगों का यह बैंड परेड के आकर्षण का मुख्य केंद्र था, जिसकी सलामी राज्यपाल उर्मिला सिंह ने ली।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending