प्रादेशिक
वीडियो कान्फ्रेसिंग की सुविधा उठाएंगे हिमांचल में कैदी
शिमला| हिमाचल प्रदेश की जेलों में पहली बार हाईटेक टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जायेगा। जिससे माध्यम से सभी कैदी अपने दूर बैठे परिजनों से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से मिल पा रहे हैं। यह सुविधा उन कैदियों के लिए ज्यादा लाभप्रद है जिनके रिश्तेदार सरहद के उस पार से लेकर सात समुंदर पार रहते हैं।
यहां की जेल में बंद एक कैदी विदेश में रह रही अपनी बेटी से सिर्फ वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ही मिल पाया है। जबकि दूसरे कैदी भी इस सुविधा का लाभ उठाकर अपने परिजनों का कीमती समय और पैसों की बचत करते हैं।
दिलचस्प है कि एक कैदी अपनी नवजात बेटी को पहली बार वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से ही देख पाया।
अतिरिक्त महानिदेशक (जेल) एस.आर. मरदी ने आईएएनएस को बताया, “पिछले डेढ़ सालों में तकरीबन 1,100 वीडियो कान्फ्रेसिंग के अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 55 ब्रिटेन के और 22 फिनलैंड के अलावा दूसरे देशों के थे। (यहां की जेल में कई सारे विदेशी कैद की सजा काट रहे हैं)।”
उन्होंने बताया कि ‘जेल वार्ता’ नाम की इस वीडियो कान्फ्रेसिंग सेवा से किसी कैदी से उसके घर के कई सदस्य मिल सकते हैं। जबकि जेल आकर मिलने वाले मुलाकातियों की संख्या निर्धारित होती है।
मरदी के मुताबिक राज्य के सभी छह जेलों में वीडियो चैट की यह सुविधा डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट प्रिजन्स डॉट एनआईसी डॉट इन नाम के पोर्टल से मुहैया कराई गई है।
इस सुविधा के शुरू होने के बाद जेल अधिकारियों को दिए गए अपने फीडबैक में कैदी अमित शर्मा ने लिखा कि “अब मैं इस सुविधा का इस्तेमाल करने के बाद पहले से ज्यादा मानसिक शांति महसूस कर रहा हूं। यहां तक कि इस सुविधा से ही वह अपनी नवजात बेटी को पहली बार देख पाया।”
एक दूसरे कैदी चंदे राम ने फीडबैक में लिखा कि यह उसकी विदेश में रह रही बेटी से मिलने का एकमात्र माध्यम है।
कैदी गौरव वर्मा ने बताया, “इस सुविधा का इस्तेमाल कर मेरे माता-पिता पैसों की भी बचत कर रहे हैं, जोकि पहले उनके हर महीने यहां आकर मिलने में खर्च होते थे। इससे उन्हें आर्थिक तंगी से उबरने में भी मदद मिली है।”
जेल अधिकारियों ने बताया कि एक रूसी कैदी नियमित रूप से अपनी पत्नी से बात करता है तथा वीडियो कांफ्रेन्सिग के माध्यम से ही उसने भी पहली बार अपने नवजात बेटे की सूरत देखी।
मरदी ने बताया, “इस सुविधा के माध्यम से पैरोल की भी सुनवाई होती है तथा अभियुक्त और अभियोजन पक्ष की जांच हो पाती है। साथ ही इससे आने-जाने में होने वाले खर्च की भी बचत होती है। यहां तक कि कैदियों के आव्रजन संबंधी सुनवाई भी इसके माध्यम से की जाती है।”
जेल अधिकारियों ने बताया कि राज्य के विभिन्न जेलों में बंद 105 कैदी आठ अलग-अलग देशों के हैं। इनमें से 88 नेपाल के हैं, जबकि बाकी 17 मुख्यत: ब्रिटेन, रूस, तुर्की, इजरायल और नाइजीरिया से ताल्लुक रखते हैं।
इन 17 कैदियों में से सात पर आरोप साबित हो चुका है, जबकि बाकियों का ट्रॉयल चल रहा है। इनमें से अधिकतर को ड्रग तस्करी में नारकोटिक्स एक्ट (एनडीपीसी) के अंतर्गत पकड़ा गया है।
पुलिस के मुताबिक, ड्रग तस्करी में आसानी से ढेर सारा पैसा बनाने के चक्कर में कई सारे विदेशी इनमें लिप्त होते हैं। कुल्लू घाटी के आसपास कई दुर्गम इलाकों में मुख्यत: मादक पदार्थो की खेती होती है, जहां से इनकी तस्करी की जाती है।
मरदी ने बताया कि वीडियो कान्फ्रेसिंग का एक फायदा यह भी है कि इससे कैदियों के पास नशे का सामान या गैरकानूनी चीजें नहीं भेजी जा सकती। उन्होंने बताया कि ट्रायल में बंद कैदियों से भी जांच अधिकारी इस सुविधा के माध्यम से पूछताछ करते हैं।
राज्य सरकार की ‘जेल वार्ता’ नाम की इस परियोजना को ई गवर्नेन्स के लिए पिछले महीने नई दिल्ली में ‘मंथन- साउथ एशिया एंड एशिया पैशिफिक अवार्ड 2014’ दिया गया।
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश में जेल सुधार को लेकर कई अन्य कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इसके तहत जेल के एक बैरक को ‘खुली जेल’ घोषित किया गया है, जोकि कांडा, नाहन, सोलन, मंडी, धर्मशाला और चंबा शहरों में स्थित है।
इन जेलों में कैदियों को बाहर जाकर कामकाज करने की सुविधा दी जाती है। 26 जनवरी को होने वाली परेड में ‘खुली जेल’ के दो कैदियों को पहली बार बैंड वादक के रूप में शामिल होने का मौका मिला। सफेद परिधान और पट्टीदार कमरबंद से सजे लोगों का यह बैंड परेड के आकर्षण का मुख्य केंद्र था, जिसकी सलामी राज्यपाल उर्मिला सिंह ने ली।
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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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