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वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए उत्पादों में सुधार की जरूरत : अंसारी

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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| उपराष्ट्रपति एम. हामिद अंसारी ने कहा है कि भारतीय उत्पादन को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए उत्पादकता और निपुणता के मामले में बहुत सुधार करने की जरूरत है।

अंसारी टाटा लिमिटेड के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को एएमएमए-जेआरडी टाटा कॉपोर्रेट लीडरशिप पुरस्कार प्रदान करने के बाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उपराष्ट्रपति ने कहा, हमारी कंपनियों को व्यापार क्षमता विकसित करने से पहले मूल्य श्रृंखला के शीर्ष पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपने आपको सुसज्जित करना है। लाभदायक विकास के लिए हमें लाभांश के लिए प्रयास करना होगा। यह तभी अर्जित होगा जब हम उत्पादों का लक्ष्य रखें। इसके लिए उच्च गुणवत्ता वाले डिजाइन, इंजीनियरिंग और विनिर्माण की जरूरत है।

अंसारी ने कहा, हमारी कंपनियों को भविष्य में करोबार परिश्यों का सृजन करने और इंजीनियरिंग के अवरोधों को दूर करने में सक्षम होना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे कॉरपोरेट क्षेत्र को निवेश करना है और अनुसंधान तथा नवाचार में भारी निवेश करना है। उन्होंने आगे कहा, केवल उद्योगों को प्रोत्साहन देना हमारे अभिनव विकास के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है। हमें नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए आवश्यक ‘संस्कृति और व्यवहार’ की शिक्षा की दिशा में काम करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 2009-2014 के मध्य भारतीय कॉर्पोरेट क्षेत्र ने अपना कुल ऋण 20 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 41 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। मोटे तौर पर यह 690 अरब डॉलर है। सीएमआईई प्रोवैस डाटाबेस में 18000 से अधिक कंपनियों के सर्वेक्षण में यह पता चला है कि पिछले चार वर्षो में जबकि सकल राजस्व में 77 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई लेकिन उनका ऋण दोगुना हो गया है और ब्याज भुगतान 146 प्रतिशत बढ़ गया तथा कुल लाभ में 32 प्रतिशत गिरावट आई।

अंसारी ने कहा, भारतीय उत्पादन को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए उत्पादकता और कुशलता में बहुत सुधार की जरूरत है। एशियाई उत्पादकता संगठन (एपीओ) के उत्पादकता डाटा बेस 2014 के अनुसार देश में औसत कुल कारक उत्पादकता टीएफपी जो 2000-2005 तक दो प्रतिशत थी, जो 2005-2010 में बढ़कर 4.7 प्रतिशत हो गई। लेकिन यह अगले दो वर्षों में गिरकर 0.9 प्रतिशत पर आ गई। 2010-2012 में टीपीएफ ने भारत की जीडीपी प्रगति में 11 प्रतिशत योगदान किया। तुलनात्मक रूप से चीन की जीडीपी विकास में यह हिस्सा 26 प्रतिशत था।

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नेशनल

हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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