उत्तराखंड
वोडाफोन 4जी उत्तराखंड और पश्चिमी उप्र में लांच
देहरादून | दूरसंचार सेवा देने वाली कंपनी वोडाफोन इंडिया ने गुरुवार को उत्तराखंड और पश्चिमी उप्र में अपनी वोडाफोन सुपरनेट टीएम4जी सेवा के लान्च की घोषणा की है। इस सेवा की शुरुआत देहरादून, हरिद्वार, अलीगढ़, नैनीताल एवं नौ अन्य प्रमुख व्यापारिक, पर्यटन और शैक्षणिक केन्द्रों में किया गया। इस सेवा का उद्घाटन उत्तराखंड पुलिस के महानिरीक्षक संजय कुमार गुनियाल तथा वोडाफोन इंडिया के उत्तराखंड और पश्चिमी उप्र के बिजनेस हेड दिलिप कुमार गंटा ने किया।
कंपनी ने बताया कि यह अत्याधुनिक नेटवर्क वोडाफोन सुपरनेट टीएम4जी उपभोक्ताओं को तेज गति की इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराएगा। देश भर में मौजूद अग्रणी स्मार्टफोन निर्माताओं के द्वारा पेश किए गए 4जी हैंडसेट पर उपभोक्ता 4जी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
वोडाफोन इंडिया के परिचालन निदेशक सुरेश कुमार ने बताया, “वोडाफोन को विश्वस्तरीय विशेषज्ञता तथा 20 देशों में 4जी सेवाओं के लॉन्च का अनुभव है। आज से देहरादून, हरिद्वार, अलीगढ़, नैनीताल एवं क्षेत्र के नौ अन्य नगरों के उपभोक्ता दुनिया के सबसे बड़े 4जी नेटवर्क का लाभ उठा सकेंगे।”
वोडाफोन इंडिया के उत्तराखंड और पश्चिमी उप्र के व्यापार प्रमुख दिलिप कुमार गंटा ने बताया, “उत्तराखंड और पश्चिमी उप्र वोडाफोन इंडिया के लिए महत्वपूर्ण बाजार है और एक अग्रणी टेलीकॉम सेवा प्रदाता होने के नाते क्षेत्र में हमारे 1.13 करोड़ उपभोक्ताओं को हमसे बड़ी उम्मीदें हैं। देहरादून, हरिद्वार, अलीगढ़ से शुरुआत करने के बाद जल्द ही हम चरणबद्ध तरीके से वोडाफोन सुपरनेटटीएम4जी सेवाओं को पूरे राज्य में विस्तारित करेंगे।”
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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