Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

शमीम बांदवी : मुशायरे से राजनीति तक का सफर

Published

on

मुलायम सिंह

Loading

मुलायम सिंहसिर पर काली टोपी, गर्दन में साफा और आंखों पर चश्मा लगाए शमीम को देखकर कहना मुश्किल है कि वह शायर हैं या राजनेता। उनका अंदाज जरूर शायराना है। शमीम जी बांदा में अपने छोटे-से कार्यालय से शायरी और राजनीति- दोनों के इबारत लिख रहे हैं। क्या खता है मेरी, पता दीजिए

फिर जो चाहे वो, मुझको सजा दीजिए। राजनीति में आने के बाद व्यस्तता बढ़ गई है, दिन भर कई सारे लोग मिलने आते हैं, लेकिन शायरी के लिए वह समय निकाल ही लेते हैं।

शमीम कहते हैं कि उनका रिश्ता बांदा से 1964 से है, जब उनके पिताजी यहां आ गए थे। उसके बाद उनका पूरा परिवार बांदा आ गया। उनकी पूरी पढ़ाई बांदा से ही हुई है। उन्हें शायरी का शौक 1980 में लगा, जिसका एक कारण उनकी अच्छी आवाज थी, जो लोगों को बचपन से ही पसंद थी। आवाज की तारीफ सुनकर शमीम का रुझान शायरी की ओर बढ़ा।

शमीम अपनी शायरी का श्रेय ईश्वर और अपने गुरु प्रसिद्ध शायर हजरत कतील बांदवी को देते हैं। वह कहते हैं, “गुरुजी ने मुझे शायरी, गीत लिखना और कहना सिखाया। उन्होंने ही मुझे धार्मिक नाज शरीफ लिखना सिखाया।” इसके बाद उनके आसपास के मोहल्लों में उर्दू अदब की छोटी-छोटी नस्सितें हुआ करती थीं।

शमीम कहते हैं कि जब पहली बार उन्होंने नस्सितों में हिस्सा लिया तो लोगों को उनकी शायरी बहुत पसंद आई, जिसके बाद वह मोहल्लों के इन नस्सितों में भाग लेने लगे, और बाद में वह शमीम अहमद शमीम से शमीम बांदवी बन गए। धीरे-धीरे वह बड़े-बड़े मुशायरों के लिए इलाहाबाद, जौनपुर, लखनऊ, इंदौर, भोपाल और झांसी जाने लगे। इन मुशायरों ने उन्हें बहुत कामयाबी दिलाई।

शमीम बताते हैं कि 1991 में मुलायम सिंह अतर्रा आए थे, तो उनके लिए उन्होंने एक गीत लिखा और उसे पेश किया।  इंसाफ है तेरा मिस्ल जहांगीर मुलायम,  बदलेगा तू ही देश की तकदीर मुलायम। मुलायम को यह पंक्ति इतनी पसंद आई कि उन्होंने शमीम को सपा का जिला अध्यक्ष बना दिया।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending