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शहरी आबादी को 3 गुना ज्यादा पड़ता है दिल का दौरा

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नई दिल्ली, 14 जुलाई (आईएएनएस)| देश में हृदयरोगों की वजह से मौतें बढ़ रही हैं। तनाव, मनमर्जी वाली जीवनशैली और व्यस्त दिनचर्या के कारण शहरी आबादी को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा दिल का दौरा पड़ता है। चिंता की बात तो यह है कि ज्यादातर मौतें उन लोगों की हो रही हैं, जिन्हें पहले से ही पता रहता है कि उन्हें हृदयरोग है। दवाएं लेने में लापरवाही कर वे न चाहते हुए भी मौत को बुला लेते हैं।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल कहते हैं कि दिल की बीमारियों में कोरोनरी धमनी रोग, दिल का दौरा, एरिदमियास, दिल की विफलता, हृदय के वॉल्व में खराबी, जन्मजात हृदय रोग और कार्डियोमायोपैथी शामिल हैं, जो सबसे आम हैं। शहरी आबादी को ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों की तुलना में तीन गुना ज्यादा दिल का दौरा पड़ता है। इसका कारण है तनाव, अपनी मर्जी की जीवनशैली और व्यस्त कार्यक्रम, जो शारीरिक गतिविधि के लिए बहुत कम या बिल्कुल भी समय नहीं छोड़ते हैं।

उन्होंने कहा, हाल के दिनों में ऐसे लोग भी बढ़े हैं जो स्वस्थ दिखते हैं, लेकिन जिनमें कार्डियल अरेस्ट, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप के लक्षण मौजूद रहते हैं। इनके जीवन में इनमें से कोई भी बीमारी कभी भी विकसित होकर जिंदगी को जोखिम में डाल सकती है।

डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, देश में इन एनसीडी के कारण होने वाली 80 से 90 प्रतिशत तक समय पूर्व मौतों की नियमित स्क्रीनिंग, समय पर चिकित्सा और उचित रोग प्रबंधन से रोकथाम संभव है। महिलाओं को विशेष रूप से अतिरिक्त ध्यान देने की जरूरत होती है, क्योंकि उनके लक्षण पुरुषों से काफी हद तक अलग होते हैं।

उन्होंने आगे बताया कि बहुत कम प्रतिशत ऐसे कारकों का हो सकता है जो दिल की समस्याओं को न बढ़ाता हो। यह एक स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने और बनाए रखने की जरूरत को दोहराता है और इसकी शुरुआत जितनी जल्दी हो उतना अच्छा रहता है।

उन्होंने कहा, डॉक्टरों के रूप में, हमारी यह जिम्मेदारी बनती है कि हम अपने मरीजों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए शिक्षित करते चलें, ताकि वे बुढ़ापे में बीमारियों के बोझ से मुक्त रहें। मैं अपने मरीजों को 80 साल तक जीवित रहने के लिए 80 का फॉर्मूला सिखाता हूं।

दिल को स्वस्थ रखने का 80 का फॉर्मूला :

* अपने लोअर ब्लड प्रेशर, फास्टिंग शुगर, पेट के साइज, हृदयगति और एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 80 के नीचे रखें।

* गुर्दे और फेफड़ों के फंक्शन को 80 से ऊपर रखें।

* प्रति सप्ताह थोड़ा मुश्किल व्यायाम कम से कम 80 मिनट तक करें।

* एक दिन में 80 मिनट तक चलें, प्रति मिनट कम से कम 80 कदमों की गति के साथ ब्रिस्क वाक करें।

* भोजन में कैलोरी की मात्रा 80 ग्राम या एमएल से कम ही रखें।

* किसी तरह के शोर का स्तर 80 डीबी से नीचे ही रखें।

* ऐसी हवा में रहें, जिसमें पार्टिकुलेट मैटर पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर का 80 एमसीजी प्रति घन मीटर से नीचे हो।

* हार्ट कंडीशनिंग व्यायाम करते समय दिल की दर का लक्ष्य 80 प्रतिशत तक हासिल करें।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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