प्रादेशिक
शिवपाल ने किया सहायक अभियन्ता एसोसिएशन का उद्घाटन
प्रदेश के विकास में अभियन्ताओं का सराहनीय योगदान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, सहकारिता एवं राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश के सभी विभागों में लोक निर्माण विभाग का सर्वोच्च स्थान है। जहां कहीं भी निर्माण एवं स्टीमेट की चर्चा होती है वहां पर लोक निर्माण विभाग का नाम अवश्य लिया जाता है। यादव ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के साथ ही अन्य विभागों में भी अब अभियन्ताओं की मांग बढ़ने लगी है। अभियन्ताओं के सहयोग एवं अथक परिश्रम से विभाग ने प्रदेश के सभी क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण में ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। शिवपाल ने कहा कि आजादी के बाद लोक निर्माण विभाग ने ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं तथा दिन-प्रतिदिन अभियन्ताओं के सहयोग से विभाग प्रगति के पथ पर अग्रसर है।
लोक निर्माण मंत्री शिवपाल आज लोक निर्माण विभाग के विश्वैसरैया प्रेक्षागृह, लखनऊ में सहायक अभियन्ता एसोसियेशन लोक निर्माण विभाग उप्र द्वारा आयोजित सप्तदशम अधिवेशन के अवसर पर अभियन्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे।
शिवपाल ने कहा कि अभियन्ताओं के सहयोग के बिना देश एवं प्रदेश की तरक्की सम्भव नहीं है। अभियन्ताओं को यदि प्रारम्भ से ही अच्छी ट्रेनिंग दे दी जाये तो और अच्छा परिणाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रयास करके विभाग में एक ट्रेनिंग संस्थान की स्थापना की जायेगी। यादव ने अभियन्ताओं को अश्वस्त किया कि स्थायी करण एवं पदोन्नति से लेकर जो भी प्रकरण हैं किसी भी दशा में रोका नहीं जायेगा। श्री यादव ने अधिवेशन के सफल नतीजे निकलने की उम्मीद व्यक्त की।
विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती आराधना शुक्ला ने कहा कि आज इस प्रकार के अधिवेशन की अत्यन्त आवश्यकता है। यहां पर आकर सभी लोग अपनी समस्या एवं इच्छाओं को व्यक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अभियन्ताओं को प्रशिक्षण दिलाने का प्रयास किया जायेगा। श्रीमती शुक्ला ने कहा कि मंत्री जी के प्रयासों से विभाग ने ऐतिहासिक कार्य किया है। प्रदेश में सड़कें उच्च तकनीक एवं उच्चकोटि की गुणवत्ता के साथ बनायी गयी है। उन्होंने कहा कि मंत्री जी के निर्देश पर 851 डीपीसी करायी गयी है जो कि ऐतिहासिक है। उन्होंने अभियन्ताओं की मांग पर गम्भीरता से विचार करने का अश्वासन दिया है।
प्रमुख अभियन्ता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष वीके सिंह कहा कि मंत्री जी प्रयासों एवं प्रमुख सचिव के निर्देश से प्रदेश में नयी तकनीक से सड़ाकों का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होंनें कहा कि पूरे भारत में सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही विकसित देशों की तकनीक के आधार पर सड़कों का निर्माण एवं डिजाइन तैयार कराया जा रहा है।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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