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नेशनल

शिवराज सिंह चौहान व्यापमं घोटाले के सरगना : कांग्रेस

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भोपाल, मध्य प्रदेश की कांग्रेस इकाई ने व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) की आयोजित परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों और उसके बाद इस मामले से जुड़े लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में लगातार हो रही मौतों के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें इस कांड का ‘सरगना’ करार दिया। कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण यादव ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा, “व्यापमं घोटाले में मुख्यमंत्री और उनका परिवार संलिप्त है। इस वक्त घोटाले की जांच उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) की देखरेख में विशेष कार्य बल (एसटीएफ )कर रहा है। लेकिन इस जांच पर कांग्रेस को भरोसा नहीं है, क्योंकि यह जांच पूरी तरह सरकार के इशारे पर हो रही है।”

उन्होंने कहा, “व्यापमं घोटाला महाघोटाला बन चुका है। इसकी जांच सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या किसी स्वतंत्र एजेंसी से करानी चाहिए। मुख्यमंत्री लगातार स्वयं को पाक-साफ कहते आ रहे हैं, लेकिन ऐसा है तो उन्हें खुद सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखना चाहिए।”

ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश में इंजीनियरिग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में दाखिले से लेकर विभिन्न विभागों की भर्तियों की परीक्षा व्यापमं आयोजित कराता है। इन दाखिलों और भर्तियों में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद जुलाई 2013 में पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इस मामले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा से लेकर व्यापमं के पूर्व नियंत्रक पंकज त्रिवेदी सहित वरिष्ठ अधिकारी तथा राजनीतिक दलों से जुड़े लोग जेल में हैं। इस मामले में राज्यपाल रामनरेश यादव पर भी सिफारिश करने का मामला दर्ज है।

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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