हेल्थ
शिशुकाल में अस्थमा स्टेरायड से रुक सकती है लंबाई
लंदन| ऐसे बच्चे जिन्हें अपने जीवन के शुरुआती दो वर्षो में अस्थमा की दवाएं दी जाती हैं, बाद में वे अविकसित रह सकते हैं। स्पेन के बार्सिलोना में यूरोपियन सोसायटी फॉर पीडिएट्रिक एंडोक्रोनोलोजी मीटिंग की 54वीं वार्षिक मीटिंग में पेश किए गए एक अध्ययन में सभी को जागरूक किया गया है।
अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता यूनिवर्सिटी ऑफ इस्टर्न फिनलैंड की एंटी सारी ने कहा, “हमारे शोध शिशुकाल में अस्थमा के लिए दी जाने वाली दवाओं (इंहेल्ड कोर्टिकोस्टेरोएड दवाएं ) और दो वर्ष की उम्र के दौरान और उसके बाद स्वस्थ बच्चों की लम्बाई में रुकावट के बीच संबंध दर्शाता है।”अध्ययन में शोधकर्ताओं ने 24 माह तक की उम्र के 12,482 फिनिश बच्चों के कद, वजन और अस्थमा की दवाओं के सेवन की जानकारी का अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने जाना कि अपने जीवन के पहले दो वर्षो में इंहेल्ड कोर्टिकोस्टेरोएड दवाएं लेने वाले बच्चे अपनी उम्र के अन्य बच्चों से कद में काफी छोटे थे।
अस्थमा की दवा बुडेसोनाइड छह माह से अधिक लेने वाले बच्चों में यह परिणाम और भी स्पष्ट था। शोधकर्ता अब बड़े बच्चों पर इंहेल्ड कोर्टिकोस्टेरोएड दवाओं के प्रभाव का अध्ययन करेंगे और उनका निरीक्षण करेंगे।
हेल्थ
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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