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बिजनेस

शेयर बाजार : आर्थिक आंकड़ों, तिमाही नतीजों से तय होगी दिशा

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मुंबई। देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह आर्थिक आंकड़ों, भारतीय कंपनियों की दूसरी तिमाही के नतीजों, वैश्विक बाजारों के सकारात्मक रूझान, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश, डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों से बाजार का रुख तय होगा।

निवेशक आगामी सप्ताह में कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों पर करीब से नजर रखेंगे। इसके साथ ही इस साल की बाकी तिमाहियों एवं अगले साल के लिए कंपनियों के प्रबंधन के रुख को लेकर भी बाजार सचेत रहेगा। अडानी इंटरप्राइजेज, अडानी पोर्टस एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन, पिरामल इंटरप्राइजेज और रिलायंस कैपिटल आदि कंपनियां दो नवंबर (सोमवार) को जुलाई-सितंबर 2015 तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगे।

इसके अलावा पूरे सप्ताह छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी किए जाएंगे, जिसमें एबीबी इंडिया, अडानी पावर, डीएलएफ, इंडियन ऑयल, पावर ग्रिड, टेक महिंद्रा, अशोक लेलैंड, मैरिको, सिप्ला, नोवार्टिस इंडिया, टाटा ग्लोबल, टाटा स्टील, अरबिंदो फार्मा, बैंक ऑफ बड़ौदा, बीईएमएल, गोदरेज इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, सेल, पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआई, टाटा केमिकल्स, टाटा मोटर्स, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और वोल्टास जैसी कंपनियां शामिल हैं।

इस महीने के अंत में ईंधन कीमत समीक्षा बैठक होने की वजह से आगामी सप्ताह सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के शेयरों पर बाजार की नजर रहेगी। अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार एवं मुद्रा की चाल के रुझान के अनुसार महीने में दो बार पीएसयू तेल कंपनियों की ईधन कीमतों की समीक्षा की जाती है।

देश की अक्टूबर महीने की मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग इंडेक्स (पीएमआई) के आंकड़ें भी सोमवार को जारी किए जाएंगे। सितंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सात महीने के निचले स्तर तक फिसलकर 51.2 रही है, जबकि अगस्त 2015 में यह 52.3 थी। अक्टूबर महीने के सेवा पीएमआई आंकड़ें चार नवंबर (बुधवार) को जारी किए जाएंगे। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन के अक्टूबर महीने के कैक्सिन मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई आंकड़े भी जारी किए जाएंगे, जिनका घरेलू बाजार पर प्रभाव देखने योग्य होगा। आगामी सप्ताह में घरेलू निवेशकों का ध्यान जर्मनी मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई रिपोर्ट, यूके मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई, अमेरिकी आईएसएम मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के आंकड़ों पर रहेगा, क्योंकि इनसे घरेलू बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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