Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

संदिग्ध आतंकियों की सूचना पर हरिद्वार जिले में अलर्ट

Published

on

संदिग्ध आतंकियों की सूचना, हरिद्वार जिले में अलर्ट, स्वतंत्रता दिवस, सर्च ऑपरेशन

Loading

संदिग्ध आतंकियों की सूचना, हरिद्वार जिले में अलर्ट, स्वतंत्रता दिवस, सर्च ऑपरेशन

पुलिस एवं एसटीएफ का सर्च आपरेशन

हरिद्वार। स्वतंत्रता दिवस से हफ्ते भर पहले हरिद्वार जिले में संदिग्ध आतंकियों के छिपे होने की सूचना से देहरादून से लेकर दिल्ली तक हडकंप मच गया। राजधानी से एसटीएफ की टीम हरिद्वार की तरफ दौड़ पड़ी। पुलिस और एसटीएफ की टीम ने संदिग्ध आतंकियों की तलाश में हरिद्वार के कलियर क्षेत्र में देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाया। मगर संदिग्ध आतंकियों का कुछ पता नहीं चल पाया। पुलिस की चौकसी जारी है। जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। खुफिया तंत्र भी अलर्ट हो गया है।

कुंभ अर्द्धकुंभ के अलावा राष्ट्रीय पर्वों पर उत्तराखंड के तीर्थ स्थलों आदि पर आतंकी हमले की धमकियां कई बार मिल चुकी हैं। अर्द्धकुंभ की शुरूआत में ही रुड़की देहात से चार संदिग्ध आतंकियों को भी एनआईए की टीम ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद से खुफिया तंत्र ऐसी गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है। खासकर स्वतंत्रता दिवस को लेकर सतर्कता बरती जा रही है।

मंगलवार की शाम को खुफिया विभाग को कलियर क्षेत्र के एक गांव में संदिग्ध आतंकी छिपे होने की सूचना मिली। आला अधिकारियों को खुफिया एजेंसियों का इनपुट मिलते ही एसटीएफ और लोकल पुलिस एक्टिव हो गई। टीमों ने कलियर क्षेत्र में सघन अभियान चलाकर संदिग्ध आतंकियों की तलाश की। देर रात तक संदिग्धों की तलाश जारी थी। आईजी संजय गुंज्याल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कलियर क्षेत्र के एक गांव में संदिग्ध आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। उनकी तलाश जारी है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending