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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार रिपोर्ट भ्रामक, पक्षपातपूर्ण : भारत

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नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)| कश्मीर में मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त कार्यालय (ओएचसीएचआर) की ओर से जारी पहली रिपोर्ट को भारत ने गुरुवार को ‘भ्रामक, पक्षपातपूर्ण व प्रायोजित’ बताते हुए खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, भारत रिपोर्ट को खारिज करता है। यह भ्रामक, पक्षपातपूर्ण व प्रायोजित है। हमारा सवाल ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित करने की मंशा को लेकर है।

कुमार ने कहा, इसमें बहुधा बगैर जांच-परख के प्राप्त सूचनाओं का चयनित संकलन है। यह बिल्कुल पूर्वाग्रहपूर्ण है और इसमें झूठी कहानी गढ़ी गई है।

जेनेवा से गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, ओएचसीएचआर द्वारा प्रकाशित 49 पन्नों की रिपोर्ट में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के दोनों ओर हुए मानवाधिकार के उल्लंघन के विवरण हैं। रिपोर्ट में सुरक्षा बलों द्वारा किए जा रहे मानवाधिकार के उल्लंघन से चिरकालिक मुक्ति पर प्रकाश डाला गया है।

संयुक्त मानवाधिकार उच्चायुक्त जैद राद अल हुसैन ने एक बयान में कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का राजनीतिक आयाम काफी समय से अहम रहा है लेकिन समय के साथ अंत होने वाला विवाद नहीं है। इस विवाद ने लाखों लोगों को मौलिक मानवाधिकार से महरूम कर दिया है और आज भी लोग पीड़ा झेल रहे हैं।

श्रीनगर की कई घटनाओं समेत हाल के दिनों के गंभीर तनाव का जिक्र करते हुए उन्होंने भारतीय सुरक्षा बलों से ज्यादा से ज्यादा निग्रह बरतने और भविष्य में विरोध-प्रदर्शनों को रोकने के लिए बल प्रयोग करने में अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन करने की अपील की।

जैद ने कहा, कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा अत्यधिक बल प्रयोग करने के कई उदाहरणों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए भारतीय प्राधिकारों की ओर से तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है।

रिपोर्ट में भारत से सशस्त्र सेना विशेषाधिकार कानून (अफ्स्पा) को तुरंत वापस लेने और 2016 के बाद से हुई नागरिकों की हत्या के सभी मामलों की तहकीकात के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच का गठन करने को कहा गया है।

कुमार ने कहा कि रिपोर्ट में भारत की संप्रभुता और प्रादेशिक एकता का उल्लंघन किया गया है। उन्होंने कहा कि संपूर्ण जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

उन्होंने कहा, पाकिस्तान ने हमला करके भारतीय राज्य का एक हिस्सा अवैध तरीके से बलपूर्वक हथिया लिया है। हमने बार-बार पाकिस्तान को उसके द्वारा अधिकृत क्षेत्र को खाली करने को कहा है।

कुमार ने कहा, रिपोर्ट में भारतीय क्षेत्र का गलत विवरण हानिकर, भ्रामक और अस्वीकार्य है। आजाद जम्मू-कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान का कोई अस्तित्व नहीं है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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