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प्रादेशिक

सतर्कता सचिव, सतर्कता निदेशक हटाने को याचिका, सुनवाई कल

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सतर्कता सचिव, सतर्कता निदेशक, हटाने को याचिका, सुनवाई कल, आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर, इलाहबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच

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लखनऊ। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा इलाहबाद हाई कोर्ट के लखनऊ बेंच में सतर्कता सचिव एस के रघुवंशी और सतर्कता निदेशक भानु प्रताप सिंह को इन पदों पर अवैध रूप से तैनात होने के कारण हटाये जाने के लिए दायर याचिका की सुनवाई कल जस्टिस शबीहुल हसनैन और जस्टिस डी के उपाध्याय के सामने होगी। अपनी याचिका में उन्होंने आईएएस तथा आईपीएस कैडर रूल्स 1954 के विभिन्न प्रावधानों का उल्लेख कर कहा है कि आईएएस तथा आईपीएस फिक्सेशन ऑफ़ कैडर स्ट्रेंग्थ रेगुलेशन में प्रस्तावित विभिन्न कैडर पदों पर मात्र कैडर अधिकारी ही नियुक्त हो सकते हैं। उनके अनुसार यूपी में सतर्कता निदेशक का पद आईपीएस के डीजी स्तर का कैडर पद है जबकि सतर्कता सचिव का पद आईएएस का कैडर पद है।

ठाकुर के अनुसार भानु प्रताप एडीजी रैंक के अफसर हैं जो 01 जनवरी 2015 से इस पद पर तैनात हैं जबकि यूपी में वर्तमान में 14 डीजी स्तर के अफसर मौजूद हैं। इसी प्रकार रघुवंशी एक रिटायर्ड आईएएस अफसर हैं जो विशेष कार्याधिकारी नियुक्त हैं और उन्हें नियमविरुद्ध तरीके से सतर्कता जैसा संवेदनशील विभाग दिया गया है।  उन्होंने कहा है कि इस प्रकार नियमविरुद्ध तरीके से आसीन होने के कारण ये अफसर राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए सभी गलत काम करने को तत्पर रहते हैं जैसा उनके मामलों में विधिविरुद्ध तरीके से एकतरफा जाँच के प्रकरणों में देखा गया।

उत्तर प्रदेश

महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी

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प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।

श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था

संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।

अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती

महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।

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