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सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन में बड़ा धमाका करेंगे मुलायम, थम जाएंगी तलवारें

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) का 10वां राष्ट्रीय सम्मेलन आगरा में पांच अक्टूबर यानी बुधवार को होगा। सम्मेलन में एक वक्त में पार्टी के सर्वेसर्वा रहे मुलायम सिंह यादव कोई बड़ा दांव खेल सकते हैं। अटकलें लगाई जा रही हैं कि बुधवार दोपहर से पहले तक चाचा-भतीजे यानी शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच सुलह हो जाएगी।

सदर बाजार, कैंट स्थित तारघर के मैदान में प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया है, जिसमें 25 राज्यों के लगभग 15 हजार प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन में प्रतिनिधि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करेंगे, जिनका कार्यकाल नए संविधान के तहत अब पांच वर्ष का होगा।

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मंगलवार को बताया, सम्मेलन स्थल पर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सुबह नौ बजे झंडारोहण करेंगे। सम्मेलन का उद्घाटन भी अखिलेश करेंगे। सम्मेलन में आर्थिक-राजनीतिक प्रस्ताव पेश होगा, जिस पर प्रतिनिधि अपने विचार रखेंगे।”

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक सम्मेलन से पूर्व नेताजी के घर पर यादव परिवार के लोग एकजुट होंगे और अखिलेश यादव व शिवपाल यादव के बीच सुलह के रास्ते तलाशे जाएंगे।

सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया, “पार्टी का यह सम्मेलन भावी राजनीतिक दशा-दिशा को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि इसमें वर्तमान राजनीतिक स्थितियों तथा राष्ट्र के समक्ष अन्य ज्वलंत समस्याओं पर विचार किया जाएगा। एक तरह से इस सम्मेलन में देश को जोडऩे और तोडऩे वालों के बीच निर्णायक संघर्ष की भी आधारशिला रखी जाएगी। भाजपा देश को तोडऩे वाली पार्टी है, जबकि अखिलेश यादव देश को जोडऩे वाली ताकतों का नेतृत्व कर रहे हैं।”

सपा प्रवक्ता ने कहा, “सम्मेलन में इस बात पर भी चिंता जताई जाएगी कि केंद्र और राज्य में भाजपा सरकार के तीन वर्ष और छह महीनों में विकास के सभी कार्य अवरुद्ध हो गए हैं। भाजपा ने अपनी एक भी योजना लागू नहीं की है। उप्र को प्रगति के रास्ते पर ले जाने का जो प्रयास अखिलेश ने शुरू किया था, उसमें हर स्तर पर व्यवधान डाला जा रहा है।”

चौधरी ने कहा कि सम्मेलन में लोकसभा चुनाव 2019 की तैयारियों और रणनीति पर भी विचार होगा। प्रवक्ता के मुताबिक, सम्मेलन के पूर्व चार अक्टूबर को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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