प्रादेशिक
‘सपा में चल रहा नाटक, मुलायम-अखिलेश दें जवाब’
लखनऊ। उत्तर प्रदेश का सियासी माहौल गत तीन-चार दिनों में कुछ ज्यादा ही गरम हो गया है। सत्तधारी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और सपा सरकार की कारगुजारियों ने विपक्ष को सरकार और सत्ताधारी दल पर हमलावर होने का पूर्ण मौका दे दिया है। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने इस समूचे घटनाक्रम को सपा का नाटक करार देते हुए सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पांच सवाल किए हैं।
सपा का प्रदेश अध्यक्ष बदलना, सरकार का दो मंत्रियों को बर्खास्त करना और शिवपाल यादव जैसे वरिष्ठ मंत्री के विभागों को छीन लेना और शिवपाल के चहेते सूबे के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को मुख्य सचिव पद से हटाते हुए उन्हें प्रतीक्षारत कर देना, ऐसा मालूम पड़ता है कि विपक्ष को वरदान स्वरूप यह मुद्दे मिल गए हों।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी में मचे घमासान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव अनुभवी और मझे हुए नेता हैं। उनको यह पता है कि प्रदेश में व्याप्त भ्रष्टाचार, अपराध, गुंडाराज, जमीनों पर अवैध कब्जे और महिलाओं पर हो रहे अपराध के कारण सपा सरकार बुरी तरह फेल हो गई है। इसलिए जनता का ध्यान इस तरफ से हटाने के लिए और अपने पुत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की इमेज बिल्डिंग का यह शुद्ध नाटक कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जी जनता का ध्यान बंटाने के बजाए विधानसभा भंग करने की सिफारिश करने का साहस करिए। भारतीय जनता पार्टी चुनाव के लिए तैयार है। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा है कि उप्र में व्याप्त अराजकता, गुंडाराज, अपराध, महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, अरबों रुपये की जमीनों पर अवैध कब्जे और अपने मंत्रिमंडल के साथियों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने में सक्षम नहीं है तो कुर्सी छोड़िए और जनता को निर्णय करने दीजिए।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सैफई परिवार द्वारा सरकार की असफलता छिपाने का कुछ दिन-कुछ घंटों का नाटक है। प्रदेश में हुए जनधन की लूट तथा अराजकता और अपराध से त्रस्त उप्र की जनता को भ्रमित करने का एक असफल प्रयास है, लेकिन जनता सच जानती है जनता मालिक है अपना निर्णय सुनाएगी।
इस पूरे घटनाक्रम से यह बात भी प्रमाणिक तौर पर स्पष्ट हो गई है कि सपा पार्टी और सरकार दोनों के अंदर सत्ता और स्वार्थ के बंदरबाट की लड़ाई अराजक हो गई है। उन्होंने कहा कि सपा और सरकार ने इस पूरे घटनाक्रम में प्रदेश की ब्यूरोक्रेशी को टूल बनाकर जनता के हितों की अनदेखी की है। भाजपा अध्यक्ष ने सपा के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से पांच सवाल किए हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने पूछे ये पांच सवाल:
- यदि मुलायम सिंह यादव जी ये समझते हैं कि उनके पुत्र अखिलेश यादव सरकार चलाने के काबिल नहीं हैं और वो बुरी तरह फेल हो गए हैं तो पुत्रमोह त्याग कर उन्हें त्याग पत्र देने का निर्देश क्यों नहीं देते है?
- मुलायम सिंह यादव सार्वजनिक मंचों से सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार, पार्टी के नेताओं और विधायकों द्वारा जमीनों पर कब्जे, दबंगई, वसूली और अपराध की बात स्वीकार कर चुके हैं और ये भी स्वीकार कर चुके हैं कि समाजवादी पार्टी चुनाव में नहीं जीतेगी, उसके बावजूद पुत्रमोह में उप्र की 22 करोड़ जनता के साथ अन्याय आप क्यों कर रहे हैं?
- मौर्य ने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि यदि वह अपने पिता और चाचाओं से नाराज हैं तो गायत्री प्रजापति के साथ शिवपाल सिंह यादव को तथा अपने मंत्रिमंडल के भ्रष्टाचार और जमीनों के कब्जे में लिप्त दर्जनों मंत्रियों को क्यों नहीं बर्खास्त किया?
- दीपक सिंघल को मुख्यसचिव नियुक्ति के समय उप्र के मुख्यमंत्री आप थे या कोई और? यदि भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों की सूची में से दीपक सिंघल को आपने उप्र का मुख्य सचिव नियुक्त किया तो अब यह नाटक क्यों?
- यदि गायत्री प्रजापति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की जांच की आंच आने का डर उन्हें नहीं था तो सीबीआई की जांच रूकवाने उच्च न्यायालय क्यों गए?
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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