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मुख्य समाचार

समाजवादी आवास योजना 26 जनवरी से

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आवास एवं विकास परिषद 26 जनवरी को 16000 समाजवादी आवास योजना को लांच करेगा। समाजवादी आवास योजना के तहत यह भवन लखनऊ समेत प्रदेश के अन्य शहरों में बनाए जाएंगे। नई अफोर्डेबल स्कीम के परिषद इसकी घोषणा 26 जनवरी को करेगा। बताया गया है कि सरकार की अफोर्डेबल हाउसिंग नीति के तहत आवास एवं विकास परिषद तथा एलडीए समाजवादी आवास बनाएंगे।

वहीं निजी विकासकर्ताओं के माध्यम से अगले दो सालों में करीब 3 लाख से अधिक भवन बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में आवास एवं विकास परिषद 26 जनवरी को इस योजना के लिए पंजीकरण खोलेगा। सुलतानपुर रोड पर अवध बिहार योजना में सबसे अधिक 4000 भवन और वृदांवन में 2500 भवन बनाए जाएंगे।

इसके अलावा गाजियाबाद के मंडोला में 3000 व सिद्धार्थ बिहार में 1500 और मेरठ के जागृति बिहार में 3000 के साथ ही अन्य छोटे शहरों में 2000 समाजवादी आवास भवन परिषद बनाएगा।

एक अधिकारी ने बताया कि हरदोई में करीब 500 भवन भी बनाए जाने हैं। परिषद ने इसके लिए पूरी कार्ययोजना तैयार कर ली है। इस संबंध में परिषद में बैठक की गई। इसके साथ ही आयुक्त शहाबुद्दीन मोहम्मद की अध्यक्षता में परिषद में ई-टेंडरिंग लागू करने का आवास निर्णय लिया गया।

आवास एवं विकास परिषद के सचिव व अपर आवास आयुक्त आर.पी. सिंह ने बताया कि पहले चरण में इस वर्ष 15 हजार भवन बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने योजना के तहत साइकिल ट्रैक्स भी बनेंगे। इस योजना में निम्न मध्यम एवं मध्यम आय वर्ग के भवन बनेंगे। इसमें न्यूनतम दो कमरे, रसोईघर, बाथरूम, शौचालय एवं बालकनी की सुविधा रहेगी। लखनऊ में ईडब्लूएस की कीमत 8 लाख, एमआईजी की 16 लाख और एचआईजी की 24 लाख रुपये कीमत होगी, जबकि गाजियाबाद में यही 10, 20 और 30 लाख रुपये तय की गई है।

लागू होगी ई-टेंडरिंग :

26 जनवरी को आवास एवं विकास परिषद में निविदाओं को सुरक्षा, पारदर्शिता एवं निष्पक्षता के लिए ई गवर्नेस प्लान के अंतर्गत ई-टेंडर को लागू करने की घोषणा की जाएगी। एक करोड़ या अधिक की निर्माण एवं विकास कायरे की निविदाएं ई टेंडरिंग से होगी। इसके लिए यूपी इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड को नोडल एजेंसी नामित किया गया है।

ई-टेंडर के लिए परिषद के पंजीकृत ठेकेदारों में से 80 प्रतिशत ने डिजिटल हस्ताक्षर दे दिए हैं। ऑनलाइन भुगतान की मिलेगी सुविधा परिषद अपनी योजनाओं के लिए इस साल ऑनलाइन सेवा शुरू करने जा रहा है। हालांकि पहले से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन नए सॉफ्टवेयर लगने के बाद ऑनलाइन भुगतान भी किया जा सकेगा। आवंटी अपना विवरण भी देख सकेंगे।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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