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मुख्य समाचार

सरकार ने अंगदान की दिशा में निर्णायक पहल की : नड्डा

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नई दिल्ली| केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने अंगदान को बढ़ावा देने के लिए कुछ निर्णायक पहल किए हैं और सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू की है। नड्डा ने ये बातें यहां विज्ञान भवन में छठे भारतीय अंगदान दिवस के मौके पर कही।

उन्होंने लोगों से स्वेच्छा से अंगदान को बढ़ावा देने एवं इसमें भाग लेने की भी अपील की। नड्डा ने माना कि अंगदान मामले में सरकार की ओर से विलंब हुआ है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने अब सरकारी अस्पतालों में अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण में प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “हमने अस्पतालों में सहयोगी स्टाफ को अंगदान संबंधी प्रशिक्षण देने और उन्हें इस दिशा में संवेदनशील बनाने का भी फैसला लिया है, ताकि वे समाज में इस विषय को आगे बढ़ा सकें।”

उन्होंने कहा, “अंगदान को लेकर सरकार ने पिछले एक साल में जो निर्णय लिए हैं, उससे इस दिशा में सार्थक प्रगति होगी।”

छठे भारतीय अंगदान दिवस कार्यक्रम में कई अंग दाताओं और उनके परिवार को पुरस्कृत किया गया।

मंत्री ने गैर-सरकारी संगठनों और स्वयंसेवी संगठनों से इस मुद्दे पर आगे आने और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने की अपील की।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत में हर साल करीब दो लाख गुर्दे दान करने की जरूरत होती है, लेकिन मौजूदा समय में 7,000-8,000 से भी कम गुर्दे मिल पाते हैं।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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