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सरकार ने चीनी उद्योग का संकट सुलझाने का आश्वासन दिया : एनएफसीएसएफ

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नई दिल्ली, 14 अप्रैल (आईएएनएस)| चीनी उद्योग संगठनों ने सरकार से चीनी निर्यात पर 1,000 रुपये प्रति कुंटल अनुदान व प्रोत्साहन की मांग की है। सहकारी चीनी मिलों के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पहली बार सरकार इस बात से सहमत हुई है कि देश का चीनी उद्योग संकट में है और उद्योग व गन्ना उत्पादकों की समस्याओं पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि सरकार ने चीनी मिलों को उनकी समस्याओं का समाधान करने का भरोसा दिलाया है।

सहकारी एवं निजी क्षेत्र की चीनी मिलों के संगठनों के प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक कर उद्योग के मौजूदा हालात से उन्हें अवगत कराया।

बैठक में मौजूद रहे नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (एनएफसीएसएफ) के महानिदेशक प्रकाश नाइकनवरे ने कहा, पहली बार हम अधिकारियों को यह स्वीकार करवाने में कामयाब हुए कि देश में चीनी उद्योग और गन्ना उत्पादकों पर आगे संकट बढ़ने वाला है। चालू पेराई सीजन 2017-18(अक्टूबर-सितंबर) में चीनी का रिकॉर्ड 305 लाख टन उत्पादन होने की उम्मीद है और इसके बाद अगले सीजन में भी उत्पादन बढ़ने की पूरी संभावना है, क्योंकि देशभर में 51 लाख हेक्टेयर में गन्ना खड़ा है, जो अगले सीजन में आएगा।

उन्होंने कहा कि कम से कम 40-50 लाख टन चीनी निर्यात होने पर ही उद्योग की हालत सुधरेगी और चीनी मिलें किसानों को गन्ने के दाम देने की स्थिति में होंगी।

नाइकनवरे ने बताया कि एनएफसीएसएफ के अध्यक्ष दिलीप वलसे पाटील, निजी चीनी मिलों के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अध्यक्ष गौरव गोयल, उपाध्यक्ष रोहित पवार, महानिदेशक अविनाश वर्मा व अन्य प्रतिनिधियों ने खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के सचिव रविकांत, संयुक्त सचिव सुरेश कुमार वशिष्ठ, निदेशक (चीनी) जी. एस. साहू के साथ शुक्रवार की बैठक में उन्हें बताया कि चीनी मिलों के पास नकदी की किल्लत है, जिसके कारण वे किसानों को गो की कीमतें देने की स्थिति में नहीं हैं।

उन्होंने कहा, हमने अधिकारी को बताया कि चीनी की कीमतें बाजार में कम होने से मिलों को नुकसान हो रहा है और भाव में सुधार के लिए चीनी का निर्यात जरूरी है। हमने सरकार को बताया कि भारतीय बाजार के मुकाबले अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चीनी 1,000 रुपये प्रति कुंटल सस्ती है। ऐसे में 1,000 रुपये प्रति कुंटल अनुदान व प्रोत्साहन मिलने पर ही हम निर्यात करने की स्थिति में होंगे।

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने उद्योग संगठनों को समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया है। नाइकनवरे ने कहा, हम चाहते हैं कि चीनी निर्यात के लिए जो भी उपाय की जाए, वह जल्द हो, ताकि बरसात से पहले निर्यात का मार्ग सुगम हो सके।

उन्होंने कहा, अगर देश से चीनी का निर्यात नहीं होगा तो अगले पेराई सीजन 2018-19 में कई चीनी मिलें नकदी की किल्लत से पेराई शुरू भी नहीं कर पाएंगी, क्योंकि उन्हें बैंक भी कर्ज देने के लिए तैयार नहीं हैं। बैंक मिलों से पहले लिए गए कर्ज का भुगतान करने को कहते हैं।

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टेनिस : दुबई चैम्पियनशिप में सितसिपास ने मोनफिल्स को हराया

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 दुबई, 1 मार्च (आईएएनएस)| ग्रीस के युवा टेनिस खिलाड़ी स्टेफानोस सितसिपास ने शुक्रवार को दुबई ड्यूटी फ्री चैम्पियनशिप के पुरुष एकल वर्ग के सेमीफाइनल में फ्रांस के गेल मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया।

  वर्ल्ड नंबर-11 सितसिपास ने वर्ल्ड नंबर-23 मोनफिल्स को कड़े मुकाबले में 4-6, 7-6 (7-4), 7-6 (7-4) से मात देकर फाइनल में प्रवेश किया।

यह इन दोनों के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले दोनों सोफिया में एक-दूसरे के सामने हुए थे, जहां फ्रांस के खिलाड़ी ने सीधे सेटों में सितसिपास को हराया था। इस बार ग्रीस के खिलाड़ी ने दो घंटे 59 मिनट तक चले मुकाबले को जीत कर मोनफिल्स से हिसाब बराबर कर लिया।

फाइनल में सितसिपास का सामना स्विट्जरलैंड के रोजर फेडरर और क्रोएशिया के बोर्ना कोरिक के बीच होने वाले दूसरे सेमीफाइनल के विजेता से होगा। सितसिपास ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम आस्ट्रेलियन ओपन में फेडरर को मात दी थी।

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